बिहार: शीतकालीन सत्र में रोजगार-भ्रष्टाचार का मुद्दा रहेगा हावी, दोनों पक्षों ने कसी कमर
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar790934

बिहार: शीतकालीन सत्र में रोजगार-भ्रष्टाचार का मुद्दा रहेगा हावी, दोनों पक्षों ने कसी कमर

सोमवार से विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. 27 तारीख तक चलने वाला सत्र काफी छोटा है, लेकिन सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. शुरुआत के दो दिनों तक सदन में नये विधायकों का शपथ ग्रहण होगा. 

बिहार: शीतकालीन सत्र में रोजगार-भ्रष्टाचार का मुद्दा रहेगा हावी, दोनों पक्षों ने कसी कमर.

पटना: सोमवार से विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. सत्र काफी छोटा है इसलिए हंगामें की गुंजाइश काफी कम है, लेकिन विपक्ष ने इस छोटे सत्र में भी एनडीए की सरकार को रोजगार और भ्रष्टाचार के मसले पर घेरने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है. वहीं बीजेपी जेडीयू ने भी तेजस्वी को उन्हीं के मुद्दों पर जवाब देने का मन बना लिया है. 

सोमवार से विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. 27 तारीख तक चलने वाला सत्र काफी छोटा है, लेकिन सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. शुरुआत के दो दिनों तक सदन में नये विधायकों का शपथ ग्रहण होगा. 

25 तारीख को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होना है, लेकिन इसबार विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी एनडीए के लिए आसान नहीं रहनेवाला है. क्योंकि महागठबंधन इसबार मजबूत विपक्ष के तौर पर सदन में होगा. चर्चा है कि महागठबंधन की तरफ से किसी उम्मीदवार को विधानसभा अध्यक्ष चुनाव के लिए उम्मीदवार के रुप में उतार दिया जाए. अगर ऐसा होता है तो एनडीए के लिए अध्यक्ष पद की कुर्सी हासिल करनी आसान नहीं रह जाएगी. 

अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद के दो दिनों में राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में चर्चा होगी. इस चर्चा के दौरान ही विपक्ष सरकार पर हावी होने की कोशिश करेगा. आरजेडी नेता शक्ति यादव कहते हैं कि सदन में सरकार को जवाब देना होगा. 19 लाख नौकरी भ्रष्टाचार किसानों से जुड़े मुद्दे पर विपक्ष के सवालों का जवाब तो देना ही पड़ेगा. 

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा है कि विपक्ष के पास मुद्दों की कमी नहीं है. हम सरकार को घेरेंगे नहीं बल्कि सरकार को जगाएंगे. 19 लाख नौकरी कब और कैसे दी जाएगी ये जानकारी मांगेंगे. शिक्षकों को समान काम समान वेतन कब से मिलेगा. तमाम मुद्दों पर सरकार को जवाब देना होगा. 

वही, जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस ने मामले पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी है. गौस ने कहा कि विपक्ष सरकार का ही हिस्सा है. विपक्ष को सकारात्मक रूख रखना चाहिए. बेवजह हल्ला हंगामा ठीक नहीं है. तेजस्वी यादव मंत्रियों के खिलाफ सिर्फ आरोप लगा रहे हैं. उनके पास सबूत नही हैं. 

बीजेपी प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने तो विपक्ष को विपक्ष की ही भाषा में जवाब देने की बात कही है. प्रेमरंजन पटेल ने कहा है कि सदन में तेजश्वी यादव को जवाब देना पड़ेगा. भ्रष्टाचार के इतने आरोपों के बाद उन्हें नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी क्यों दी जाए. उनपर इतने गंभीर मामले दर्ज कैसे हुए. तेजस्वी यादव सत्तापक्ष के सवालों से बच नहीं पाएंगे. 

कुल मिलाकर ये माना जा रहा था कि सत्र छोटा होने और नये विधायकों के सदन में आने के कारण मामला शांतिपूर्ण तरीके से निपट जाएगा, लेकिन हाल ही में कम मतों से मिली हार, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मंत्री मेवालाल का इस्तीफा, नौकरी के लिए सरकार पर दवाब बनाने जैसे मुद्दों के बल पर मजबूत विपक्ष शीतकालीन सत्र को गर्म बनाने की तैयारी कर चुका है.