नवादा: Bihar News: कहते हैं मुश्किल वक़्त में जब इंसान फंस जाता है, उम्मीद के सभी दरवाजे बंद हो जाते हैं तो भगवान फरिस्ता बनकर उस मुश्किल नैय्या को पार लगाने आ जाते हैं और उसके सभी कार्यों को आसान कर देते हैं. नवादा में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है. जहां दोनो पैर से दिव्यांग गर्भवती महिला सुनीता देवी का ऑपेरशन करने में कई बाधाएं सामने आई. 


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ऐसे में उसकी बाधाओं को दूर करने कोई नहीं बल्कि प्राइवेट एम्बुलेंस चालक आए, जिन्होंने उसका सफलतापूर्वक ऑपेरशन करवाया. जिसमें डॉक्टर ने भी उनका बाखूबी साथ दिया. दरअसल नवादा जिले के नेमदारगंज थानाक्षेत्र के जसौली गांव की रहने वाली बिपिन राम की पत्नी दोनों पैर से दिव्यांग है. परिवार काफी गरीब है और पति दिहाड़ी मजदूर है. 


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सदर अस्पताल में ऑपेरशन के लिए भर्ती कराया गया मगर पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण अस्पताल ने उसे विम्स रेफर कर दिया. यहां भी सुनीता की किस्मत खराब थी. विम्स में डॉक्टरों के हड़ताल रहने पर वापस इसे नवादा भेज दिया गया. पति काफी परेशान थे दिव्यांग पत्नी को लेकर जब वो अस्पताल में भटक रहे थे. पति के पास केवल 400 रुपये थे. उसी वक़्त निजी एम्बुलेंस चालकों की नजर उसपर गयी और सभी उसके लिए फरिस्ता बनकर आये. एम्बुलेंस चालकों ने आपस मे पैसा चंदा इकट्ठा कर नवादा के एक निजी क्लिनिक में भर्ती कराया. 


डॉक्टर को भी पूरी कहानी बताई गई. डॉक्टर भी इस नेक कार्य मे उनका साथ दिया और ऑपेरशन फ्री में किया और सफलतापूर्वक ऑपेरशन के बाद महिला ने लड़के को जन्म दिया. डॉक्टर ने उसका सारा इलाज मुफ्त में किया. सही कहा गया है जिसका कोई नही उसका भगवान जरूर होता है. सुनीता और बिपिन के लिए डॉक्टर और एम्बुलेंस ड्राइवर भगवान बनकर आये.