कैमूर:Bihar News: कैमूर जिले के नुआव प्रखंड के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले एक छात्र ने कुछ ऐसा कर दिया है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है. दरअसल जिले के नुआव मिडिल स्कूल में आठवीं कक्षा के छात्र विकास ने प्लास्टिक से पेट्रोल निकालकर कमाल कर दिया है. विकास के इस प्रयोग ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है. हालांकि विकास के बनाए इस पेट्रोल को डायरेक्ट कार या बाइक में अभी नहीं डाल सकते हैं क्योंकि इसके लिए उसे पहले फ्यूरीफिकेशन की जरूरत है. फिलहाल इसका इस्तेमाल इंधन के तौर पर किया जा सकता है.


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प्लास्टिक से बनाया पेट्रोल
प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने इस मशीन को विकास ने 1500 की लागत तैयार किया है. वहीं उसके स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों ने भी इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में अहम योगदान दिया है. जिले में आयोजित साइंस विज्ञान मेले में पहला स्थान पाकर विकास ने अपने स्कूल के साथ-साथ अपने परिवार का भी नाम रोशन किया है. बता दें कि कैमूर में यह पहली बार होगा जब किसी ने प्लास्टिक से पेट्रोल बनाया है. इसके साथ ही विकास अपने इस प्रोजेक्ट को अब राज्य स्तरीय साइंस विज्ञान मेले दिखाएंगे. 


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प्लास्टिक पिघलाकर 100 एमएल पेट्रोल निकाला
नुआव मिडिल स्कूल के साइंस शिक्षक संदीप कुमार ने बताया कि बच्चों ने जब पूछा कि जब कोयले से चारकोल और अलकतरा बनाया जा सकता है तो फिर कचरा के प्लास्टिक से कुछ क्यों नहीं बनाया जा सकते है. जिसके बाद हमने इस पर काम किया. जिले में अभी तक इस विद्यालय का विज्ञान प्रदर्शनी हुआ था जिसमें प्रथम स्थान मिला. आगे हम लोग इसे राज्य स्तर तक की तैयारी कर रहे हैं. वहीं स्कूल के प्रधानाध्यापक सत्येंद्र सिंह ने बताया कि बच्चों ने पहले कंपोस्ट खाद बनाना सीखा था. इसके बाद बच्चों ने कचरे से भी कुछ बनाने का जब प्रश्न रखा तब हम लोगों ने इस पर काम किया. पांच किलो के सिलेंडर में प्लास्टिक को पिघलाकर उससे 100 एमएल पेट्रोल निकाला गया.  
इनपुट- नरेंद्र जायसवाल