गिरिडीह: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने सोमवार को ऐसी बात कह दी, जिससे भाजपा को मिर्ची लग सकती है. दरअसल, गिरिडीह जिले के गांडेय में 'आपकी सरकार, आपके द्वार' कार्यक्रम को को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ये लोग यहां घुसपैठिए, लव जिहाद और लैंड जिहाद की बात करते हैं. कहते हैं कि आदिवासियों की संख्या घट रही है. हम इनसे पूछते हैं कि आदिवासियों को जनगणना फॉर्म में सरना आदिवासी धर्म लिखने की इजाजत क्यों नहीं दे रहे. हमारी पहचान ही नहीं है तो हमारा गायब होना स्वाभाविक है. सोरेन ने कहा, झारखंड में चुनाव को देखते हुए राजनीतिक गिद्ध मंडराने लगे हैं. कोई असम से आ रहा है तो कोई छत्तीसगढ़ से. अभी छोटे-छोटे गिद्ध आ रहे हैं. कुछ दिनों बाद बड़े-बड़े गिद्ध नजर आएंगे, जो जनता को झूठे आश्वासन परोसेंगे. कोई जाति तो कोई धर्म और कोई अगड़ा-पिछड़ा के नाम पर दिग्भ्रमित करेंगे. ऐसे गिद्धों से जनता को सावधान रहना होगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

READ ALSO: BIhar: मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द, खराब प्रदर्शन वाले मंत्रियों की हो सकती है छुट्टी


उन्होंने कहा, झारखंड विधानसभा से हमने आदिवासियों के लिए जनगणना में अलग धर्म कोड लागू करने का प्रस्ताव पारित पर केंद्र सरकार को भेजा, पर वे इस पर कुंडली मारकर बैठे हैं. चार साल के शासनकाल में हमारे विरोधियों ने परेशान करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी. मुझे जेल में डाल दिया गया, लेकिन ये जनता का आशीर्वाद है कि मैं आपके सामने हूं. झामुमो नेता ने भाजपा पर आदिवासियों-दलितों को ठगने का आरोप मढ़ते हुए कहा कि लेटरल एंट्री के नाम से आदिवासियों-दलितों की जगह पर बैकडोर से लोगों को लाने की तैयारी हो रही है. 


झारखंड के पिछड़ों के अधिकार में भी भाजपा ने कटौती की. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस राज्य में पिछड़ों का 27 प्रतिशत का आरक्षण काटकर 14 प्रतिशत कर दिया. हमलोग जब यहां आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने का कानून बनाकर भेजते हैं तो ऊपर बैठे लोग उसे असंवैधानिक बताकर रोक देते हैं. कभी गवर्नर रोक देते हैं तो कभी दिल्ली में बैठी सरकार.


READ ALSO: जहां 75% छात्र 2 अंकों की संख्या नहीं बता पा रहे,वहां का मॉडल लागू करने जा रहा बिहार


उन्होंने कहा कि हम कुछ काम करें तो असंवैधानिक हो जाता है, वो कुछ भी करें तो संवैधानिक. पहले की सरकार में राज्य के वन क्षेत्रों में रहने वालों को मात्र 1-2 डिसमिल जमीन का वन पट्टा मिलता था, हम लोग अब एकड़ की नाप से वन पट्टा बांट रहे हैं. अब लोग उस जमीन पर फलदार वृक्ष लगाएं. जब तक पेड़ रहेंगे, तब तक वो जमीन उनकी है.


रिपोर्ट: आईएएनएस


झारखंड की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें  Jharkhand News in Hindi और पाएं Jharkhand latest news in hindi  हर पल की जानकारी । झारखंड की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!