जहां 75% छात्र 2 अंकों की संख्या नहीं बता पा रहे, वहां का मॉडल लागू करने जा रहा बिहार का शिक्षा विभाग
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जहां 75% छात्र 2 अंकों की संख्या नहीं बता पा रहे, वहां का मॉडल लागू करने जा रहा बिहार का शिक्षा विभाग

Bihar Education System: नालंदा यूनिवर्सिटी के माध्यम से पूरी दुनिया को दिशा दिखाने वाला बिहार आज खुद के लिए शिक्षा का अदद मॉडल तलाश रहा है और उसकी तलाश तमिलनाडु पर जाकर खत्म हुई है, जहां के गवर्नर खुद ही वहां की शिक्षा व्यवस्था को कोसते दिख रहे हैं.

जहां 75% छात्र 2 अंकों की संख्या नहीं बता पा रहे, वहां का मॉडल लागू करने जा रहा बिहार का शिक्षा विभाग

एक समय था, जब बिहार के नालंदा यूनिवर्सिटी में देश विदेश से पढ़ने और अध्ययन करने के लिए लोग आते थे. प्रसिद्ध दार्शनिक ह्वेनसांग, मेगास्थनीज आदि ने भी नालंदा विश्वविद्यालय का भ्रमण किया था और अपनी रचनाओं में इसको प्रमुखता भी दी थी. आज स्थिति यह है कि बिहार का शिक्षा विभाग तमिलनाडु के शिक्षा विभाग का मॉडल अपनाना चाहता है. अब सोचिए, जिस तमिलनाडु में 75% छात्र 2 अंकों की संख्या नहीं बता पा रहे, वहां का मॉडल अपनाने से हम बिहार में किसी तरह की शिक्षा व्यवस्था सुधारना चाहते हैं. ये बात हम नहीं, खुद तमिलनाडु के गर्वनर आरएन रवि कह रहे हैं. शिक्षा विभाग ने एक हाई पावर टीम तमिलनाडु के शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन करने के लिए भेजी थी. टीम बिहार लौट चुकी है और बिहार में तमिलनाडु के शिक्षा व्यवस्था मॉडल को लागू करने पर मंथन चल रहा है. 

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तमिलनाडु के गर्वनर आरएन रवि का कहना है कि राज्य के बच्चे नशे की लत में डूब रहे हैं. उनका कहना है कि खराब शिक्षा व्यवस्था बच्चों को बेकार बना रही है. उनका कहना है कि राज्य में पढ़ाई लिखाई की हालत दयनीय हालत में है. राज्य के एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में बड़े पैमाने पर नशीली दवाओं की सप्लाई की जा रही है. शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही थी. 

गवर्नर आरएन रवि राज्य के सिलेबस को नॉन कॉम्पीटिटिव बता चुके हैं. उनका कहना है कि राज्य में शिक्षा की नींव कमजोर हो चुकी है और शिक्षण का स्तर काफी नीचे गिर चुका है. उन्होंने स्कूल और कॉलेजों में सिंथेटिक और केमिकल ड्रग्स की ​कथित उपलब्धता का भी जिक्र किया और कहा कि यह समस्या बहुत गंभीर है. 

राज्यपाल आरएन रवि का कहना था, हमें स्वीकार करना चाहिए कि स्कूलों में टीचिंग, लर्निंग की दिक्कतें हैं और नशीली दवाएं शिक्षा की राह में बाधा बन रही है. हमें इन मसलों का सामना करना चाहिए.

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अब सवाल यह है कि जिस राज्य के गर्वनर ने खुलकर वहां ​की शिक्षा व्यवस्था के मॉडल को दोषपूर्ण ठहराया है, वहां से हम क्या सीखने और अपने यहां लागू करने की बात कर रहे हैं. एक समय दुनिया को दिशा दिखाने वाला बिहार क्या अब अन्य मॉडल को अपनाएगा? ऐसे में तब जबकि वहां की शिक्षा व्यवस्था पहले से ही सवालों के घेरे में है.

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