गुरुग्राम से साइकिल पर बैठाकर पिता को दरभंगा पहुंची बेटी, पिता ने बताया 'श्रवण कुमार'
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गुरुग्राम से साइकिल पर बैठाकर पिता को दरभंगा पहुंची बेटी, पिता ने बताया 'श्रवण कुमार'

ज्योति अपने पिता को उक्त साइकिल के कैरियर पर एक बैग लिए बिठाए, आठ दिनों की लंबी और कष्टदाई यात्रा के बाद अपने गांव सिरहुल्ली पहुंची है.

गुरुग्राम से साइकिल पर बैठाकर पिता को दरभंगा पहुंची बेटी, पिता ने बताया 'श्रवण कुमार'. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

दरभंगा: लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान प्रवासी कामगारों के हौसले की एक कहानी बिहार से सामने आई जब, हरियाणा के गुरुग्राम से अपने पिता को साइकिल पर बैठा 15 साल की एक लड़की बिहार के दरभंगा पहुंच गई. दरभंगा जिला के सिंहवाड़ा प्रखण्ड के सिरहुल्ली गांव निवासी, मोहन पासवान गुरुग्राम में रहकर टेम्पो चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण किया करते थे, पर इसी बीच वे दुर्घटना के शिकार हो गए.

दुर्घटना के बाद अपने पिता की देखभाल के लिए 15 वर्षीय ज्योति कुमारी वहां चली गई थी पर, इसी बीच कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से देशव्यापी बंदी हो गई. आर्थिक तंगी के मद्देनजर ज्योति के साइकिल से अपने पिता को सुरक्षित घर तक पहुंचाने की ठानी.

बेटी की जिद पर उसके पिता ने कुछ रुपए कर्ज लेकर एक पुरानी साइकिल खरीदी. ज्योति अपने पिता को उक्त साइकिल के कैरियर पर एक बैग लिए बिठाए, आठ दिनों की लंबी और कष्टदाई यात्रा के बाद अपने गांव सिरहुल्ली पहुंची है.

गांव से कुछ दूरी पर अपने पिता के साथ एक क्वारेंटाइन सेंटर पर रह रही ज्योति, अब अपने पिता के हरियाणा वापस नहीं जाने को कृतसंकल्पित है. वहीं, ज्योंति के पिता ने कहा कि, वह वास्तव में मेरी 'श्रवण कुमार' है.
(इनपुट-भाषा)