बाढ़ः एक तरफ बिहार सरकार के सीएम नीतीश कुमार हर मंच से कह रहे हैं कि 2021 तक किसानों के खेत तक बोरिंग का पानी पहुंचा जाएगा. लेकिन अब 2021 आने में कुछ ही महीने बाकी है, लेकिन हालत ऐसी है कि अभी भी कई गांव के किसानों को पानी नहीं मिला है. 


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आज भी कई गांव और पंचायत ऐसे हैं जहां बिजली खेतों तक पहुंचने के लिए ना तो कोई कवायद शुरू हुई है और ना ही बिजली के खंभे लगाए गए हैं. किसान पूरी तरह से अपने खेतों के पट बंद करने के लिए चिंतित हैं लेकिन विभाग के लोग मनमाने तरीके से उनके बातों की अनसुनी कर रहे है.


बाढ़ अनुमंडल के पंडारक प्रखंड अंतर्गत ग्वासा शेखपुरा पंचायत के घेरा पर गांव के किसान बिजली के अभाव में अपने खेतों का पटवन नहीं कर पा रहे हैं. सरकार के द्वारा उन्हें 1 साल पहले कंजूमर भी बना लिया गया है. इसके बावजूद भी आज तक उनके खेत सूखे पड़े हैं.


किसानों ने बताया कि विभागीय लापरवाही के चलते इस तरह का खेल खेला जा रहा है. उनसे बाद में कंजूमर बने कई पंचायत के किसान बिजली से लाभान्वित होना शुरू हो गए हैं. लेकिन उन्हें आज तक वंचित रखा जा गया है. जिसके चलते उन्होंने कई बार विभागीय चक्कर भी लगानी पड़ रही है.


किसान का कहना है कि विद्युत विभाग के अधिकारी मनमाने तरीके से काम करते हैं. उनके खेतों का जायजा लेने के बाद आज तक फिर उनका हाल जानने नहीं आए. दूसरी तरफ भीषण गर्मी के चलते किसानों का खेत बंजर होते जा रहे हैं, और किसान फसल लगाने की सोच भी नहीं सकते. जिसके चलते लोगों को परेशानी हो रही है. अब किसान आंदोलन करने की बात कर रहे हैं.