Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षक भर्ती चल रही है. इस भर्ती में विवाद भी चल रहा है. बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से जारी शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाले 171 को 1 साल और 413 अभ्यर्थियों को 3 साल के लिए बैन कर दिया है. बीपीएससी के रिजल्ट को 1756 असफल अभ्यर्थियों ने चुनौती दी थी. बिहार लोक सेवा आयोग ने यह कार्रवाई करते हुए इस अभ्यर्थियों से सफाई मांगा था. ये सारे अभ्यर्थी के बीपीएससी के शिक्षक भर्ती परीक्षा के पहले चरण में शामिल हुए थे.


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बीपीएससी के इस फैसले के बाद ये अभ्यर्थी आयोग की तरफ से आयोजित किसी भी परीक्षा में आगे शामिल नहीं हो पाएंगे. बीपीएससी ने अपने जारी आदेश में कहा है कि शिक्षक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा (TRE-1) के परीक्षाफल प्रकाशन के बाद कुछ अभ्यर्थियों ने फोन और आयोग में व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया था. इस दौरान उन्होंने बताया गया था कि प्रकाशित परीक्षाफल के कट ऑफ से उनका प्राप्तांक अधिक होने के बावजूद उनका चयन नहीं हो पाया है. 


इसके बाद बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से इस मामले में 29 नवंबर, 2023 से 12 दिसंबर, 2023 तक शपथपत्र और साबूत के साथ ऑनलाइन आपत्ति मांगी गई थी. 1756 अभ्यर्थियों ने आपत्ति अप्लाई आयोग को किया. इसके बाद आयोग ने जांच में पाया कि इनमें से 741 अप्लाई बिना शपथ पत्र के समर्पित किया गया था. बीपीएसपी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस तरह के अभ्यर्थियों से सफाई मांगी. 414 अभ्यर्थियों ने इसका जवाब नहीं दिया. हालांकि, आयोग के सामने कई अभ्यर्थियों अपना बचाव पक्ष रखा. मगर 413 अभ्यर्थी ने स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया. 


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बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से कहा गया कि इन सभी अभ्यर्थियों ने अपनी असफलता को छुपाने, आयोग के छवि को धूमिल करने की कोशिश की. यह काम  किसी भी प्रतियोगिता परीक्षार्थी के व्यवहार के खिलाफ है. लिहाजा, इन अभ्यर्थियों को बीपीएससी की तरफ से आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं के लिए अगले तीन साल के लिए बैन किया जाता है. वहीं दूसरी तरफ 171 अभ्यर्थियों ने अपनी गलती मान ली. इसलिए उन पर एक साल के लिए आयोग ने बैन लगाया.