Bihar News: वैशाली जिले के महुआ में शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक के खिलाफ नियोजित शिक्षकों ने जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाए. इतना ही नहीं प्रदर्शन के दौरान बिहार के नियोजित शिक्षकों ने केक पाठक के आदेश का विरोध किया. साथ ही आदेश की कॉपी को जलाया. दरअसल, बिहार में नियोजित शिक्षकों को बीपीएससी (BPSC) की तर्ज पर परीक्षा पास कर शिक्षक के रूप में स्थापित रहेंगे. परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले और पास न होने वाले शिक्षकों पर विभाग कार्रवाई कर सकती है. 


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बिहार शिक्षा विभाग के अधिकारी केके पाठक ने कई बड़े फैसले लिए हैं, जिसमें से एक फैसला यह भी था कि बिहार के नियोजित शिक्षक भी बीएससी के परीक्षा पास कर टीचर के रूप में तैनात रहेंगे. इस आदेश के बाद अब नियोजित शिक्षकों ने मोर्चा खोला दिया है और आदेश का भारी विरोध कर रहे हैं. हाजीपुर के गोरौल मध्य विद्यालय पर शिक्षक-शिक्षिका पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करने का काम किया है.


बता दें कि सक्षमता परीक्षा का विरोध करने वाले शिक्षकों को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने बड़ा आदेश जारी किया है. शिक्षा विभाग की तरफ से राज्य के सभी जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा गया है कि नियोजित शिक्षकों द्वारा साक्षमता परीक्षा का बहिष्कार करने और 13 फरवरी को विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया है. 


विभाग की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि 13 फरवरी को विद्यालय खुला हुआ है, ऐसी स्थिति में शिक्षकों के विद्यालय छोड़कर धरना प्रदर्शनों में शामिल होने से यह स्पष्ट होगा कि उनकी तरफ से विद्यालयों में शिक्षण काम में बाधा उत्पन्न की जा रही है. 


शिक्षा विभाग की तरफ से पत्र में कहा गया है कि अगर आपके जिले में नियोजित शिक्षकों द्वारा किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा जाता है तो उसे IPC की धारा 141 के तहत गैरकानूनी सभा (Unlawful Assembly) मानते हुए आवश्यक कार्रवाही की जाए. साथ ही आईपीसी (IPC) की धारा 186/187 और अन्य सुसंगत धाराओं में प्राथमिक दर्ज करने की कृपा की जाए. 


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पत्र में यह भी अनुरोध किया गया है कि वैसे धरना प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ विभागीय नियमावली में विहित प्रावधान के आलोक में कड़ी अनुशासनिक कार्रवाही भी शुरू की जाए.


रिपोर्ट:  रवि मिश्रा