कायदे से इस ऑफिस को सैनिटाइज किया जाना चाहिए था, लेकिन वो नहीं किया गया है. ऑफिस में काम कर रहे कर्मचारियों के मुताबिक यहां किसी भी तरह की साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं है. काउंटर पर खड़े लोगों से सीधी बात करनी होती है लेकिन वो रिस्क पर काम कर रहे हैं.
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पटना: पूरी दुनिया कोरोना के कहर से दो चार हो रही है. कोरोना वायरस से बचने का एक तरीका साफ-सफाई और बचाव भी है, लेकिन राजधानी के सरकारी दफ्तरों में इसका पालन नहीं हो रहा है. पटना नगर निगम ने दो दिन पहले सरकारी दफ्तरों को सैनिटाइज करने का दावा किया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है.
करगिल चौक के ठीक सामने प्रखड सह अंचल कार्यालय है. वही पटना सदर के आसपास यहां सैकड़ों की संख्या में लोग प्रमाण पत्र बनवाने आते हैं. लोग यहां आवासीय, जाति, जन्म और मृत्यु प्रमाण यहां बनवाने आते हैं. यहां बकायदा अलग-अलग काउंटर बनाए गए हैं. आधार कार्ड संबंधी काम भी यहां होता है लेकिन एक तरह की लापरवाही बरती जा रही है.
कायदे से इस ऑफिस को सैनिटाइज किया जाना चाहिए था, लेकिन वो नहीं किया गया है. ऑफिस में काम कर रहे कर्मचारियों के मुताबिक यहां किसी भी तरह की साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं है. काउंटर पर खड़े लोगों से सीधी बात करनी होती है लेकिन वो रिस्क पर काम कर रहे हैं.
कोरोना का असर परिवहन पर भी देखा जा रहा है. बांकीपुर बस स्टैंड से दिल्ली तक एक एसी स्लीपर बस जाती है, लेकिन कोरोना का असर ये है कि बसों में बुकिंग काफी कम हो रही है. होली के बाद जिस तरह की बुकिंग इस बस के लिए होनी चाहिए थी वो नहीं हुई है.
हालांकि बिहार राज्य पथ परिवहन के निर्देश के बाद बस को काफी अच्छे तरीके से साफ किया गया है. बस को सैनिटाइज भी किया गया है, लेकिन कोरोना की मार इतनी है कि, बस कुछ यात्रियों के साथ ही दिल्ली के लिए रवाना हो गई.