महागठबंधन : सीट शेयरिंग पर अगले सप्ताह शुरू होगी बातचीत, कांग्रेस बोली- सही समय पर होगा निर्णय
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महागठबंधन : सीट शेयरिंग पर अगले सप्ताह शुरू होगी बातचीत, कांग्रेस बोली- सही समय पर होगा निर्णय

माना जा रहा है कि महागठबंधन में पार्टियों की संख्या बढ़ने के कारण आरजेडी और कांग्रेस को 2014 की तुलना में अपनी सीटें कुछ कम करनी पड़ सकती हैं.

2014 में आरजेडी 27 और कांग्रेस 12 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. (फाइल फोटो- PTI)

नई दिल्ली/पटना : बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा होने के बाद कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और दूसरी सहयोगी पार्टियां भी सीटों के तालमेल को जल्द अंतिम रूप देने की कोशिश में जुट गई है. इसी के तहत अगले सप्ताह से औपचारिक बातचीत शुरू होगी. कांग्रेस का कहना है कि सीटों के तालमेल में कोई दिक्कत नहीं आएगी और 'उचित समय पर' निर्णय हो जाएगा.

पार्टी के राज्य प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, 'यह तय हुआ है कि अगले सप्ताह किसी भी दिन आरजेडी, कांग्रेस और दूसरे सहयोगी दलों के नेता बैठेंगे. अभी ऐसा नहीं है कि इसी बैठक में सबकुछ तय हो जाएगा. यहां से बातचीत की औपचारिक शुरुआत होगी.' 

उन्होंने कहा, 'इस बैठक में सीटों के तालमेल के साथ चुनाव प्रचार अभियान और इस रणनीति पर विचार किया जाएगा कि हम कैसे ज्यादा से ज्यादा सीटें जीत सकते हैं.' सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसले की अवधि पूछे जाने पर गोहिल ने कहा, 'उचित समय पर इसका निर्णय हो जाएगा.' 

दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों में से 27 पर आरजेडी और 12 पर कांग्रेस पार्टी ने चुनाव लड़ा था. एक सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के खाते में गई थी. उस चुनाव में आरजेडी ने चार, कांग्रेस ने दो और राकांपा ने एक सीट पर जीत हासिल की थी.

इस बार कई और पार्टियां महागठबंधन में शामिल हैं. इनमें उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा), पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा (हम) और शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल शामिल है. ऐसी भी चर्चा है कि वाम दलों को भी साथ लेने की कोशिश हो सकती है.

माना जा रहा है कि महागठबंधन में पार्टियों की संख्या बढ़ने के कारण आरजेडी और कांग्रेस को 2014 की तुलना में अपनी सीटें कुछ कम करनी पड़ सकती हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस इस बार 2014 के चुनाव से कम सीटों पर मान जाएगी तो गोहिल ने कहा, 'यह महत्वपूर्ण नहीं है कि हम कितनी सीटों पर लड़ते हैं, बल्कि यह ज्यादा महत्वपूर्ण है कि महागठबंधन कैसे ज्यादा से ज्यादा सीटें जीते.' गोहिल ने कहा, 'महागठबंधन वैचारिक प्रतिबद्धता पर आधारित है, इसलिए सीटों के तालमेल में दिक्कत नहीं आएगी.' 

गौरतलब है कि राजग के घटक दलों ने हाल ही में सीटों के तालमेल की घोषणा की जिसके तहत बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने 17-17 और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

(भाषा इनपुट)