लॉकडाउन के दौरान कैसी हो प्रशासनीय व्यवस्था, उसकी मिसाल पेश कर रहा है यह जिला
Advertisement

लॉकडाउन के दौरान कैसी हो प्रशासनीय व्यवस्था, उसकी मिसाल पेश कर रहा है यह जिला

रोजमर्रा के खाद्यान्न सामग्री की होम डिलीवरी हालांकि अभी तक आरंभ नहीं हुई है पर इस दिशा में विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर प्रशासन इसकी शुरुआत की कोशिश कर रहा है.

लॉकडाउन के दौरान प्रशासनीय व्यवस्था की मिसाल पेश कर रहा है यह जिला.

गुमला:  वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने के लिए गुमला में जिला प्रशासन की ओर से विभिन्न कोषांगों का गठन कर सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं. डीसी शशिरंजन ने स्पष्ट किया है कि आपदा प्रबंधन के तहत मुकम्मल इंतजाम किए गए हैं. 

खासकर बाहर से आनेवाले व विदेशी आगंतुकों की लगातार ट्रैकिंग की जा रही है. पंचायत और ग्राम स्तर पर बाहर से आने वाले लोगों की निगरानी हो रही है और ऐसे लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर होम क्वारांटाइन में भेजा जा रहा है.

जिले में पंचायत स्तर पर प्रखंड स्तर पर और जिला स्तर पर क्वारांटाइन सेंटर बनाए गए हैं. डॉक्टर व चिकित्साकर्मी 24 घंटे काम कर रहे हैं.

खाद्य सामग्री, सब्जी, फल, दूध, ब्रेड, पशु चारा की आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए स्टॉक का प्रॉपर वेरिफिकेशन और ट्रैकिंग की जा रही है. सुदूर क्षेत्रों में खाने पीने के सामानों की कोई कमी ना हो इसका भी ध्यान रखा जा रहा है. खाद्यान्न के आवक की रेगुलर मॉनिटरिंग की जा रही है.

रोजमर्रा के खाद्यान्न सामग्री की होम डिलीवरी हालांकि अभी तक आरंभ नहीं हुई है पर इस दिशा में विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर प्रशासन इसकी शुरुआत की कोशिश कर रहा है.

दिहाड़ी मजदूरी पर गुजर बसर करने वालों के लिए जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री दाल भात केंद्र के जरिए उनके भरण-पोषण का इंतजाम किया है और डीसी ने कहा कि और नए 15 केंद्र खोलने की दिशा में भी कोशिश हो रही है.

इसके साथ ही ऐसे लोग जिनका राशन कार्ड नहीं बना, उन्हें भी खाद्यान्न आपूर्ति के लिए राज्य सरकार द्वारा प्राप्त आदेश के अनुरूप आपूर्ति की जाने की कोशिश हो रही है. जिला नियंत्रण कक्ष 24 घंटे सातों दिन काम कर रहा है.

डीसी शशि रंजन ने लॉकडाउन के दौरान बाहर फंसे लोगों के बारे में कहा कि सुदूरवर्ती राज्यों में जो लोग हैं वह वहीं पर रहें. अगर उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई हो रही हो तो उनके लिए वहां के प्रशासन से हम लोग बात करके उनको मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. इस प्रकार से पूर्व में 4 मामले का समाधान किया गया है.