हजारीबागः Hazaribagh News: बेटे के लालच में परिवार वाले बेटी की हत्या कर देते हैं. ऐसा ही कुछ माजरा झारखंड के हजारीबाग के आशा किरण महिला अस्पताल में प्रकाश में आया है. जहां ईचाक के चपरख गांव की रहने वाली महिला लक्ष्मी देवी की गर्भपात करने के दौरान मौत हो गई.


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बरही के अस्पताल ने उसका भ्रूण जांच कराया और यह बताया कि कोख में बेटी पल रही है. परिवार वालों ने गांव की ही सहिया की मदद से उसे हजारीबाग के आशा किरण महिला अस्पताल में भर्ती कराया. जहां गर्भपात करने के दौरान उसकी मौत हो गई. यह घटना रात के 1 बजे की है. मृतक लक्ष्मी देवी के पति ने बताया कि सहिया की मदद से अस्पताल में लाया गया था.


भ्रूण जांच करना गैरकानूनी है. इसके बावजूद ग्रामीण इलाकों में भ्रूण जांच की जा रही है. सरकार ने नियम बनाया है कि सहिया सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिलाओं का लाना है. लेकिन, कुछ पैसे के लालच में ग्रामीण क्षेत्र की सहिया निजी अस्पताल ले आती हैं और बड़ी घटना को अंजाम देती है. ईचाक में सेवा देने वाली सहिया मंजू देवी ने बताया कि सदर अस्पताल लाना था. लेकिन दर्द होने के कारण उसे निजी अस्पताल में लाया गया. वह 3 महीने से गर्भवती थी. 


मौत के बाद परिजनों ने जमकर अस्पताल में हंगामा किया है. ऐसे में सदर और लौह सिंघाना थाना पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची और परिजनों को भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सूचना पाकर चनारो गांव के मुखिया भरत बिहारी महतो भी घटनास्थल पर पहुंचे और कार्रवाई की मांग की है. मामला बेहद गंभीर है कि कैसे एक महिला की भ्रूण जांच कराई गई और फिर बेटे के लालच में बेटी की मौत जन्म लेने के पहले ही नर्सिंग होम के स्टाफ ने कर दिया. बहरहाल इस घटना ने यह सोचने को विवश कर दिया है कि प्रशासन लाख दावा कर दें. लेकिन भ्रूण जांच धड़ल्ले से की जा रही है.


इनपुट- यादवेंद्र मुन्नू


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