बिहार : नियोजित शिक्षकों के वेतन मामले में आज भी होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
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बिहार : नियोजित शिक्षकों के वेतन मामले में आज भी होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

इससे पहले करीब 93 हजार टीईटी पास नियोजित शिक्षकों की ओर से वरिष्ठ वकील विभा दत्त मखीजा ने पक्ष रखा था.

सुप्रीम कोर्ट में आज भी होगी नियोजित शिक्षकों के वेतन मामले में सुनवाई. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली/पटना : बिहार के 3.7 लाख नियोजित शिक्षकों के समान वेतन मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज (बुधवार को) भी सुनवाई होगी. जस्टिस एएम सप्रे और जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ बुधवार को दोपहर दो बजे इस मामले की सुनवाई करेगी. इससे पहले करीब 93 हजार टीईटी पास नियोजित शिक्षकों की ओर से वरिष्ठ वकील विभा दत्त मखीजा ने पक्ष रखा था.

मखीजा ने कहा था कि क्वालिटी एजुकेशन तभी दिया जा सकता है जब हमारे पास क्वालिटी शिक्षक हों, क्योंकि एनसीईटी के हिसाब से आज की तारीख में न्यूनतम शिक्षक योग्यता के साथ-साथ टीईटी पास होना अनिवार्य है और यह बहुत ही कठीन परीक्षा है. इसमें अधिकतम 10 से 15 फीसदी ही बच्चे पास हो पाते हैं, ऐसे में क्यों न टीईटी पास नियोजित शिक्षकों को ही सबसे पहले समान वेतन के दायरे में लाया जाए.

मखीजा ने इसके पीछे तर्क दिया था कि शिक्षा के अधिकार एक्ट के नए संशोधन के मुताबिक पहले से पढ़ा रहे शिक्षकों को हर हाल में 2019 तक टीईटी पास करना अनिवार्य है. इस दलील के साथ ही मखीजा ने अपनी बहस पूरी कर ली.

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बिहार सरकार को मिला था केंद्र का समर्थन 
केंद्र सरकार ने बिहार सरकार का समर्थन करते हुए समान कार्य के लिए समान वेतन का विरोध किया था. कोर्ट में केंद्र सरकार ने बिहार सरकार के स्टैंड का समर्थन किया था. केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर 36 पन्नों के हलफनामे में कहा गया था कि इन नियोजित शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं दिया जा सकता क्योंकि समान कार्य के लिए समान वेतन के कैटेगरी में ये नियोजित शिक्षक नहीं आते. ऐसे में इन नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की तर्ज पर समान कार्य के लिए समान वेतन अगर दिया भी जाता है तो सरकार पर प्रति वर्ष करीब 36998 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा. केंद्र ने इसके पीछे यह तर्क दिया था कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को इसलिए लाभ नहीं दिया जा सकता क्योंकि बिहार के बाद अन्य राज्यों की ओर से भी इसी तरह की मांग उठने लगेगी. 

क्या है पूरा मामला? 
बिहार में करीब 3.7 लाख नियोजित शिक्षक काम कर रहे हैं. शिक्षकों के वेतन का 70 फीसदी पैसा केंद्र सरकार और 30 फीसदी पैसा राज्य सरकार देती है.वर्तमान में नियोजित शिक्षकों (ट्रेंड) को 20-25 हजार रुपए वेतन मिलता है. अगर समान कार्य के बदले समान वेतन की मांग मान ली जाती है तो शिक्षकों का वेतन 35-44 हजार रुपए हो जाएगा.