सुपौलः Supaul News: बिहार के सुपौल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी- बड़ी बातें करने वाली सरकार ने भले ही कई जगहों पर अस्पतालों में बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बना दी हो. लेकिन रेफरल अस्पताल राघोपुर की हालत देख सरकार की तमाम बातें कोरी साबित हो रही है. जर्जर भवन में संचालित हो रही राघोपुर रेफरल अस्पताल में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग या सरकार द्वारा कोई ठोस पहल नहीं किया जाता है. विभागीय उदासीनता को दर्शा रही है.


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जानकारी के अनुसार, सिमराही में अवस्थित राघोपुर रेफरल अस्पताल की स्थापना वर्ष 1979 में हुई थी. जो समय बीतने के साथ-साथ अब जर्जर अवस्था में पहुंच गया है. हालत यह है कि भवन कई जगह क्षतिग्रस्त हो चुका है. छत में छड़ निकलने लगी है. जिससे छत का चट्टा गिर रहा है. खासकर बारिश के दिनों में कई जगह छत से पानी टपकती रहती है.


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ऐसे में अस्पताल में रखें कीमती सामान और अन्य सामग्री खराब हो रही है और अन्य सामान के खराब होने की संभावना है. सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि इस अस्पताल में हर दिन चार से पांच सौ मरीज आते हैं. ऐसे में जर्जर हो चुकी भवन और छत के कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. डर के साए में अस्पताल कर्मी ड्यूटी बजाने को मजबूर हैं. लेकिन कोई उपाय नहीं मिल रहा है.


भवन की हालत का आलम यह है कि अस्पताल प्रशासन को छज्जे के गिरने की आशंका है. ऐसे में कोई अनहोनी नहीं हो जाए, जिसको लेकर सार्वजनिक रूप से सूचना चिपका दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि छज्जे के नीचे कोई वाहन न लगाए और न कोई व्यक्ति स्वयं खड़े हों दुर्घटना की आशंका है. बावजूद इसके इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग या सरकार द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है. जिससे लोगों की चिंता बढ़ने लगी है.
इनपुट- सुभाष चंद्रा, सुपौल


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