बिहार: सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू का गुणा भाग, 50-50 फॉर्मूले पर बन सकती है बात
Advertisement

बिहार: सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू का गुणा भाग, 50-50 फॉर्मूले पर बन सकती है बात

लोकसभा चुनाव में हुए सीट शेयरिंग फार्मूला विधानासभा में भी सीटों के बंटवारे का आधार बन सकता है. बीजेपी-जेडीयू के बीच लोकसभा की तर्ज पर सीटों का बंटवारा हुआ, तो इस बार 124 मौजूदा सीटों में से 52 विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारी में फेरबदल हो सकता है.

बीजेपी-जेडीयू में सीट शेयरिंग के फार्मूले पर हो रहा गुणा-भाग. (फाइल फोटो)

पटना: इसी साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में बिहार की धरती से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष अमित शाह ने घोषणा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए (NDA) चुनाव लड़ेगा. इसके बाद से ही सीटों को लेकर बीजेपी व जेडीयू में गुणा-भाग शुरू हो गया है.

सूत्रों का दावा है कि दोनों दलों में लोकसभा चुनाव की तर्ज पर 50-50 (बराबर-बराबर) सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बन सकती है. पिछले विधानसभा चुनाव में जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) और बीजेपी अलग-अलग चुनाव लड़े थे, जबकि उससे पहले साल 2010 में दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था.

लोकसभा चुनाव में हुए सीट शेयरिंग फार्मूला विधानासभा में भी सीटों के बंटवारे का आधार बन सकता है. बीजेपी-जेडीयू के बीच लोकसभा की तर्ज पर सीटों का बंटवारा हुआ, तो इस बार 124 मौजूदा सीटों में से 52 विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारी में फेरबदल हो सकता है.

पिछले चुनाव में जेडीयू जहां 71 सीटों पर विजय प्राप्त की थी, वहीं बीजेपी के प्रत्याशी 53 सीट पर विजय प्राप्त कर पाए थे. ऐसे में देखा जाए तो 24 ऐसी सीटें हैं जहां बीजेपी पहले और जेडीयू दूसरे नंबर पर रही थी, जबकि 28 सीटें ऐसी हैं, जहां जेडीयू पहले नंबर पर थी और वहां बीजेपी दूसरे नंबर पर रही थी. ऐसे में तय है कि ऐसी कुछ सीटों पर उम्मीदवारों की बदली हो सकती है.

राजनीति के जानकार और पटना के वरिष्ठ पत्रकार संतोष सिंह हालांकि इस फॉर्मूले को नकारते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में जेडीयू अलग गठबंधन में था, जबकि 2020 में होने वाले चुनाव में वह एनडीए में होगा, ऐसे में समीकरण भी बदलेंगे.

उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में आरजेडी के साथ चुनावी मैदान में उतरी जेडीयू कई क्षेत्रों में बीजेपी से मजबूत स्थिति में है. ऐसी सीटें उसके खाते में जाएगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी के मजबूत होने की स्थिति में यह तय है कि दोनों पार्टियां बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. हालांकि अभी चुनाव में देर है और राजनीति में कुछ भी संभव है.ो

जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने पिछले दिनों हालांकि कहा था कि जेडीयू और बीजेपी के बीच सीटों का बंटवारा 2010 के फॉर्मूले के तहत होना चाहिए. उस समय बीजेपी ने 102 सीटों पर और जेडीयू ने 141 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इस बयान के बाद जेडीयू के कई नेताओं ने किशोर के बयान को खारिज कर दिया था. हालांकि कुछ लोग यह भी कहते दिखे थे कि प्रशांत किशोर यह बयान नीतीश कुमार के कहने पर ही दे रहे हैं.

बीजेपी के एक नेता भी कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में जिस तरह पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा हुआ था, वही होगा. उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन के दूसरे साथियों को सीटें देने के बाद बची हुई सीटों पर 50-50 फीसदी के आधार बीजेपी और जेडीयू में सीटों का बंटवारा हुआ था. विधानसभा चुनाव में भी यही फार्मूला लागू किया जा सकता है.

बहरहाल, नीतीश के नेतृत्व में एनडीए के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद यह तय है कि बीजेपी और जेडीयू साथ में चुनावी मैदान में होंगे और सीट बंटवारे को लेकर अभी से ही गुणा-भाग शुरू हो गया है.