सवर्ण आरक्षण बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद गुजरात इसे लागू करने वाला पहला राज्य बना था.
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रांची: केंद्र की मोदी सरकार की ओर से हाल ही में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा के बाद झारखंड 15 जनवरी से इसे लागू करने वाला दूसरा राज्य बन गया है. सवर्ण आरक्षण बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद गुजरात इसे लागू करने वाला पहला राज्य बना था.
झारखंड में 15 जनवरी के बाद राज्य सरकार की नौकरियों/शैक्षणिक संस्थानों जिनमें बहाली और नामांकन प्रक्रिया 15 जनवरी या इसके बाद होगी उन सभी मामलों में अनारक्षित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दस फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा.
बता दें कि मोदी सरकार के मास्टर स्ट्रोक के रूप में देखे जा रहे सवर्ण आरक्षण बिल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है. शनिवार को राष्ट्रपति ने इस पर हस्ताक्षर कर दिए. इसके साथ ही सरकारी नौकरियों और शैक्षाणिक संस्थानों में दस फीसदी आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है. सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है. बताया जा रहा है कि एक हफ्ते के अंदर दस फीसदी आरक्षण का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय एक हफ्ते के भीतर इस कानून से जुड़े प्रावधानों को अंतिम रुप देगा.
बता दें कि बिल के अनुसार आरक्षण का फॉर्मूला 50%+10% का होगा. जिन लोगों की सालाना आमदनी 8 लाख से कम होगी उन्हें आरक्षण का लाभ मिलेगा. जिन सवर्णों के पास खेती की 5 एकड़ से कम जमीन होगी, उन्हें आरक्षण का लाभ मिलेगा. इस आरक्षण का लाभ वे सवर्ण पा सकेंगे, जिनके पास आवासीय भूमि 1000 वर्ग फीट से कम होगी.
जिन सवर्णों के पास अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में 100 गज से कम का आवासीय प्लॉट है वे इस आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे. इसके अलावा जिन सवर्णों के पास गैर अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में 200 गज से कम का आवासीय प्लॉट है उन्हें इस आरक्षण का लाभ मिल सकेगा.