Chatra का वो 'खूनी पेड़', जो लोगों के खून से बुझाता है अपनी प्यास
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Chatra का वो 'खूनी पेड़', जो लोगों के खून से बुझाता है अपनी प्यास

Chatra news:  गिद्धौर के सलीमपुर स्थित विशालकाय महुआ का पेड़ है. लेकिन इसकी चर्चा  'खूनी पेड़' के तौर पर हो रही है. जो लोगों के रक्त से अपनी प्यास बुझाने में लगा है. 

 

खूनी पेड़ कईयों की ले चुका जान.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Chatra:झारखंड के चतरा जिले से गिद्धौर होकर हजारीबाग जाने वाली सड़क पर खड़ा एक पेड़ 'खूनी पेड़' के रूप में मशहूर होता जा रहा है. वैसे, तो ये बिल्कुल आम पेड़ जैसा ही दिखता है. लेकिन इसकी ख्याती 'खूनी पेड़' के तौर पर हो रही है. जो लोगों के रक्त से अपनी प्यास बुझाने में लगा है. इस पेड़ के कारण ना जाने कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है.

दरअसल, चतरा से गिद्धौर होकर हजारीबाग जाने वाली सड़क पर बीचों-बीच खड़ा ये पेड़ सड़क हादसों को दावत देता है. हजारीबाग जाने वाली सड़क पर यूं तो कई जगह सड़क के बीचों-बीच पेड़ हैं. लेकिन सबसे खतरनाक गिद्धौर के सलीमपुर स्थित विशालकाय महुआ का पेड़ है. ये पेड़ सड़क के बीचों-बीच है. इसकी वजह से साल भर में इस रास्ते से गुजरने वाली कई गाड़ियां पेड़ की वजह से हादसे की शिकार हो चुकी हैं. वहीं, कई लोगों की जान भी सड़क हादसे की वजह से जा चुकी है.

इधर, इलाके में लगातार हो रहे सड़क हादसों के बावजूद जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है. स्थानीय लोगों ने इस पेड़ को हटाने के लिए विभागीय अधिकारी से लेकर सड़क निर्माण कंपनी के कर्मचारियों तक से कई बार गुहार लगायी है. लेकिन सभी मामले के प्रति उदासीन बने हुए हैं. उल्टे सड़क पर खड़े जानलेवा पेड़ को हटाने की जगह इसके चारों तरफ नए सिरे से सड़क निर्माण करवा रहे हैं.

वहीं, सड़क दुर्घटना पर नियंत्रण को लेकर तरह-तरह के उपाय अपनाने की पहल होती रहती है. ऐसे में सड़क के बीचों-बीच इस पेड़ को हटाने की भी तुरंत व्यवस्था होनी चाहिए. लिहाजा, जब जिले के उपायुक्त दिव्यांशु झा को पूरा माजरा बताया गया तो उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों के साथ बात कर जल्द पेड़ को हटाने का आश्वासन दिया है. तकनीक के इस जमाने में पेड़ को नुकसान पहुंचाए बैगर शिफ्ट किया जा सकता है. उम्मीद है  कि जिला प्रशासन वन विभाग के साथ मिलकर ऐसा कोई ना कोई उपाय जल्द खोजेगा.