झारखंड में गंगा नदी का सबसे बड़ा भाग एक मात्र जिला साहिबगंज से गुजरती है. लेकिन यहां की स्थिति काफी चिंताजनक है.
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साहिबगंजः केंद्र सरकार गंगा नदी को बचाने के लिए नमामि गंगे योजना चला रही है. लेकिन शायद इस योजना के सारे काम सही तरीके से नहीं हो रहे हैं. क्योंकि गंगा जिन-जिन स्थानों से गुजरी है, वहां पर नदी की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है. इनमें झारखंड में गंगा नदी का सबसे बड़ा भाग एक मात्र जिला साहिबगंज से गुजरती है. लेकिन यहां की स्थिति काफी चिंताजनक है.
नमामि गंगे योजना के तहत साहिबगंज के शहरी क्षेत्र से गंगा नदी बह रही है. लेकिन यहां नदी की स्थिति काफी खराब है. इस क्षेत्र में गंगा में इतने गाद जमा हैं कि नदी अपने अंतिम स्थिति में पहुंच रही है. साहिबगंज से गंगा नदी करीब 83 किलोमीटर लंबी दूरी तय करती है.
साहिबगंज जिला के लोगों के लिए यह गर्व की बात है कि यहां से गंगा गुजरती है. लेकिन यहां गंगा खत्म होने के कगार पर है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि साहिबगंज से होकर गुजरने वाली गंगा नदी पश्चिम बंगाल के फरक्का में प्रवेश करती है. और यहीं पर फरक्का बैराज बना है. इस वजह से साहिबगंज इलाके में गंगा नदी में जगह-जगह काफी गाद जमा हो गया है.
बताया जाता है कि फरक्का बैराज बनने के बाद से यहां कभी भी नदी में जमे गाद निकालने का काम नहीं किया गया है. इस वजह से इलाके में गंगा नदी की गहराई कम हो गई है और नदी की चौड़ाई बढ़ गई है. वहीं, साहिबगंज जिले के पश्चिमी भाग में गंगा नदी का मुहाना पूरी तरह से बंद हो गया है.
मुहाना बंद होने से यहां गंगा नदी के पानी के बजाय शहर से निकलने वाले नालों का पानी यहां जमा हो गया है. जिससे यह भाग काफी प्रदूषित हो गया है. इस भाग में नदी के अस्तित्व पर खतरा भी मंडराने लगा है. साहिबगंज क्षेत्र में नदी में गाद जमने और साहिबगंज में नदी के अस्तित्व खतरे को देखकर जिला प्रशासन भी सकते में है.
नदी के मुहाने बंद होने के संबंध में पूछे गए सवाल पर उपायुक्त साहिबगंज ने बताया कि साहिबगंज और राजमहल की कुछ एरिया को ड्राजिंग करने की आवश्यकता है. जिसे लेकर 9 करोड़ की डीपीआर तैयार कर राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, जैसे ही सरकार की स्वीकृति मिलती है नदी में ड्रेजिंग का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
आपको बता दें कि गंगा नदी की सफाई को लेकर एक टीम ने फरक्का बांध का भी निरीक्षण किया था. जिसमें फरक्का बांध को लेकर चिंता जताई गई थी. वहीं, बिहार सरकार द्वारा भी कहा गया था कि फरक्का बांध की वजह से बिहार में गंगा नदी की स्थिति चिंताजनक हो गई है. इसलिए सरकार ने इस बैराज को खत्म करने का अनुरोध किया था.