झारखंड: सदन में पास हुआ स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग का बजट
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झारखंड: सदन में पास हुआ स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग का बजट

झारखंड विधानसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई तो मुद्दों पर तल्खी और गर्मागर्म बहस देखने को मिली. 

स्कूली शिक्षा, कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग का अनुदान मांग सदन से स्वीकृत..

रांची: झारखंड विधानसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई तो मुद्दों पर तल्खी और गर्मागर्म बहस देखने को मिली. तल्खी सवाल और जवाब की थी. सदन में जेवीएम विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि महिला समाज कल्याण विभाग द्वारा 2 वर्ष पहले 5400 स्मार्ट फोन खरीदा गए थे, जो खराब हो गया था. इस पर सदन में सरकार को घेरा पूछा कि विभाग क्या कार्रवाई करेगा. विधायक ने पूछा कि क्या मेरे प्रश्न उठाने के बाद तो विभाग ने केंद्र सरकार को पत्र नहीं लिखा. इस पर मंत्री लुईस मरांडी ने सदन के माध्यम से बताया जिस कंपनी ने आपूर्ति किया है, उसे स्मार्टफोन रिप्लेस करने को पत्र लिखा गया है. अगर रिप्लेस नहीं होगा तो सप्लायर पर कार्रवाई होगी.

इसके बाद धनबाद से बीजेपी विधायक राज सिन्हा ने धनबाद के बैंक मोड़ में फ्लाईओवर निर्माण की मांग सदन में की. इस पर विभाग की तरफ से जो जवाब दिया गया उसमें मठकुरिया में निर्माण की बात कही गई. राज सिन्हा की तल्खी सरकार पर दिखी और इसे गुमराह करने वाला जवाब बताया. साथ ही कहा अधिकारी कागज पर रिपोर्ट बनाते हैं. मंत्री नीलकंठ मुंडा ने सदन को बताया कि ऐसा आरोप लगाना ठीक नहीं. न तो सरकार गुमराह कर रही न ही ठग रही है. वैकल्पिक रास्ता सरकार निकाल रही है.

भोजनावकाश के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, कल्याण विभाग, जेंडर बजट, बाल बजट, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण के बजट पर चर्चा के दौरान जेवीएम विधायक प्रदीप यादव ने सरकार को घेरते हुए कहा कि स्कूल बंद हो रहे हैं, स्कूल मर्जर अवैधानिक है. सरकार शिक्षा का निजीकरण कर रही है. स्कूल में शिक्षक नहीं, छात्रों को छात्रवृत्ति कम कर दी गई. स्वास्थ्य विभाग बीमार हो गया. राज्य के अस्पतालों में दवा नहीं, भारी किल्लत है. आयुष्मान योजना का लाभ मिल नहीं रहा. 

तो चर्चा में भाग लेते हुए सत्ता पक्ष के विधायक बिरंची नारायण ने चर्चा में सरकार के काम की सराहना की. कहा कि चार साल में राज्य चतुर्दिक विकास किया है. शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम हो रहा है. 4 साल पहले तक बच्चे बोरा लेकर स्कूल जाते थे, आज स्कूल में बेंच-डेस्क पर पढ़ते हैं. ड्रॉप आउट आज जीरो हो गया है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान भारत के तहत बेहतर इलाज हो रहा है. सूबा पहले स्थान पर है. एम्बुलेंस की सेवा बेहतर मिल रही है. 70 साल में तीन मेडिकल कॉलेज, 4 साल में 5 मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं.

स्कूली शिक्षा, कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग का अनुदान मांग सदन से स्वीकृत हो गया. इस दौरान सरकार के जवाब से असन्तुष्ट विपक्ष ने अपना कटौती प्रस्ताव वापस लेने से इनकार कर दिया. अनुदान मांग स्वीकृत होने पर विपक्ष ने कहा शिक्षा में क्वालिटी एजुकेशन मिल नहीं रहा है, स्वास्थ्य बदहाल है. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा स्वास्थ्य विभाग का 42 अरब के बजट पास हुआ है. बेहतर बजट है सबका ख्याल रखा गया है और सदन में हमने सबको सन्तुष्ट करने की कोशिश की.