Ranchi: अक्सर बड़े संस्थानों के द्वारा ऐसे लोगो का इस्तेमाल किया जाता है जो कि पुलिस प्रसाशन से मैच करता है. जैसे कि शहर में कई प्रकार के एनजीओ व संस्थान हैं जो कि संचालकों द्वारा पुलिस के लोगो से मैच करते हुए वाहनों पर लाल-नीले कलर के बोर्ड का इस्तेमाल किया जाता है. बताया जा रहा है कि प्रशासन इस प्रकार से लोगो का प्रयोग करने वाले संस्थानों पर कड़ी कार्रवाई करेगी. जिसके विरूद्ध व्यापक अभियान चलाया जाएगा. यहां तक की इन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है. 


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पुलिस मार्का का उपयोग कर लोगों को कर रहे गुमराह
बताया जा रहा है कि हजारीबाग में एसपी मनोज ने इसको लेकर फैसला लिया है कि जो भी संस्थान या फिर एनजीओ इस प्रकार से पुलिस से मैच करते हुए लोगो का इस्तेमाल करेगा उसे जेल तक जाना पड़ सकता है. एसपी मनोज इस चीज को लेकर बेहद सख्त हो चुके हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इन दिनों शहरों में वाहन तथा कई लोगों के घरों पर पुलिस मार्का लाल-नीला रंग का बोर्ड लगाकर घूमते नजर आ रहे हैं.  मानवाधिकार संगठन से जुड़े कई एनजीओ और एंटी क्राइम ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े लोग ऐसे पुलिस मार्का का उपयोग कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. पुलिस को इस संबंध में लगातार दोहन और शोषण की शिकायत मिल रही है.


सुप्रीम कोर्ट ने ठहराया गलत
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने लाल और ब्लू रंग के पुलिस मार्का का बोर्ड लगाने को गलत ठहराया है. हजारीबाग पुलिस ने भी वाहन एवं घरों में लाल ब्लू रंग के पुलिस मार्का का उपयोग करने वालों के विरुद्ध सघन अभियान चलाने का निर्णय लिया है, वाहन चालक और मकान मालिक जो भी पुलिस मार्का का उपयोग कर रहे हैं. अभियान में पकड़े जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही एसपी ने कहा कि अब इस लोगों का दुरुपयोग करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा 


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