सरकार के दो साल पूरे होने पर CM हेमंत सोरेन बोले-जो कहा है वो करके दिखाएंगे
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सरकार के दो साल पूरे होने पर CM हेमंत सोरेन बोले-जो कहा है वो करके दिखाएंगे

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि  देखिए दो साल काफी चुनौतियों से भरा रहा. हालांकि, अचानक आए सन्नाटे भरे वातावरण से निकलकर आज गांव-कस्बे में उत्साह भरा स्वर सुनाई दे रहा है. सरकार आम जनता के अधिकारों को उनके हाथों में सौंप रही है.

(फाइल फोटो)

रांची: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार 29 दिसंबर को अपने दो साल पूरे कर रही है. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने ZEE  मीडिया से तमाम मसलों पर खास बात की.

  1. 29 दिसंबर को 2 साल पूरे कर रही हेमंत सरकार
  2. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर साधा निशाना

सवाल: सरकार के 2 साल के कार्यकाल को आप कैसे देखते हैं?
उत्तर: देखिए दो साल काफी चुनौतियों से भरा रहा. हालांकि, अचानक आए सन्नाटे भरे वातावरण से निकलकर आज गांव-कस्बे में उत्साह भरा स्वर सुनाई दे रहा है. सरकार आम जनता के अधिकारों को उनके हाथों में सौंप रही है.

सवाल: 'आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वारा' कैंपेन के पीछे का कांसेप्ट क्या है?
उत्तर: झारखंड ट्राइबल स्टेट के साथ पिछड़ा राज्य भी है. यहां 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है. राज्य के एक लाख से अधिक लोग मजदूरी के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं. यहां पिछड़ापन भी बड़े तादाद में हैं, ऐसे में स्वाभाविक है कि राज्य में वेलफेयर स्कीम के तहत काम हो रहा है. सीएम ने कहा कि इसीलिए हमारा फोकस सभी डायरेक्शन में है और उसमें जो भी बेनेफिशरी ओरिएंटेड प्रोग्राम है उसे लोगों के बीच मजबूती से पहुंचा रहे हैं.

सवाल: 'आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वारा' का क्या उपलब्धि रही है?
उत्तर: सरकार ब्लॉक हेड क्वार्टर, जिला हेड क्वार्टर और स्टेट में काम करती थी. कोरोना के दौरान जब लोग घरों में कैद थे तो उस दौरान भी सरकार लगातार लोगों के काम कर रही थी. गरीब, मजदूर और किसानों को मानसिक प्रताड़ना से बाहर निकालना हमारा फोकस है. हम लगातार प्रखंड को मजबूत करने में जुटे हैं क्योंकि जब प्रखंड मजबूत होगा तभी जिला मजबूत होगा और जब जिला मजबूत होगा तभी राज्य मजबूत होगा और इसी कॉन्सेप्ट के साथ हम काम कर रहे हैं. हम समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाएं पहुंचाने का काम कर रहे हैं.

सवाल: क्या आपको लगता है कि झारखंड के अलग गठन का उद्देश्य अब तक पूरा हुआ है?
उत्तर: 20 वर्षों में क्या हुआ? अभी तक ना तो लोगों को जीने का अधिकार दिया जा रहा था और ना ही मरने का. अगर लोगों में नए विचारों का सृजन नहीं होगा तो राज्य को आगे बढ़ने में बहुत मुश्किल होगा. आज 100 फीसदी नहीं तो कुछ हद तक उनके समस्याओं का निदान करने का प्रयास किया जा रहा है. 

उन्होंने कहा कि आज 'आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वारा' कार्यक्रम के जरिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के जनप्रतिनिधि लोगों तक पहुंचकर उनको सहायता उपलब्ध करा रहे हैं.

सवाल: आपके एक बयान की काफी चर्चा हो रही है जिसमें आपके द्वारा कहा गया था कि जो विपक्ष के साथी  'आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वारा' कार्यक्रम में नहीं जा रहे हैं वह अपना राजनीतिक भविष्य एक तरह से खत्म कर रहे हैं.?
उत्तर: अगर सरकार उनके लिए कुछ प्रोग्राम कर रही हैं और वे सरकार को कटघरे में खड़ा करते हैं तो उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वो इन चीजों को देखें कि क्या सही हो रहा है और क्या गलत. क्योंकि घर बैठे सरकार को कटघरे में खड़ा करना कहां कि नैतिकत है.

सवाल: राज्य में दो वर्षों में 28 नई स्कीम शुरू की गई हैं. ऐसे में विपक्ष का कहना है कि एक तरफ तो आप कहते हैं कि सरकार का खजाना खाली है तो दूसरी तरफ नई-नई स्कीम लांच की जा रही है, इन स्कीम्स के लिए फंड कहां से लाएंगे और ये कैसे धरातल पर उतरेगी?
उत्तर: पिछली सरकार ने कर्ज को आय का साधन समझा था. हम सरकारी पैसे से ना तो हाथी उड़ा रहे हैं और ना सोने की थाली में खा रहे हैं. हम लोगों ने वित्त प्रबंधन को लेकर जो स्ट्रेचर बनाया है, उसमें पहले इन लोगों ने छेद बनाकर रखे थे, उन सबको हमने बंद कर दिया है. संसाधन जुटाने के लिए हम टैक्स लगा रहे हैं. इन लोगों ने जो कर्ज ले रखे थे, उसे अब हमें चुकाना पड़ रहा है. इस डबल इंजन की सरकार के पास हमारा लाखों रुपये का कर्ज बकाया है.

सवाल: केंद्र और राज्य में अलग-अलग सरकार होने से क्या केंद्र की पॉलिसीज में परिवर्तन आता है, आपको लगता है झारखंड के साथ ऐसा हो रहा है?
उत्तर: झारखंड में ही नहीं कई राज्यों में ऐसे देखने को मिला है. जैसे देखिए जो कंसोलिडेटेड फंड होता है वहां से पैसे कट रहे हैं जो केंद्र सरकार को अधिकार नहीं है. केंद्र सरकार अपने अधिकार क्षेत्र से हटकर असंवैधानिक कार्य कर रही है, जिससे देश का संविधान बदल जाएगा. इन चीजों को यह ज्ञानी नहीं जानते. यह हमारी शालीनता है कि इस विषय पर हम लोगों ने इनको औरों की तरह लाठी-डंडा लेकर दौड़ाना शुरू नहीं किया. यह डबल इंजन मिलकर Long Term राज्य को चूसने का प्लान किया है लेकिन सरकार हट जाने से इनके जो मंसूबे हैं उसमें बहुत बड़ा आघात पहुंचा है.

सवाल: आप सरकार के 2 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं. इस बीच डीवीसी एरिया से पावर कट होने से जनता बहुत परेशान है और विपक्ष इसे आपकी विफलता बता रहा है.
उत्तर: 'चोर मचाए शोर', यह तो हल्ला पार्टी है उनको लगता है कि जो बात बोल रहे हैं वो भगवान हैं, आज यह चोरी करके बाहर हैं. दूसरे राज्यों में दूसरी जगहों पर मंहगे दरों पर बिजली दी जा रही है. यह कौन कर रहा है? हकीकत यह है कि बड़े पैमाने पर राज सरकार की बिजली को डाइवर्ट करके ट्रेडिंग कंपनियों के बीच बेचकर बड़े पैमाने पर पैसे उगाई की जा रही है.

सवाल: इसके लिए आपके पास अल्टरनेट प्लान क्या है?
उत्तर: राज्य सरकार के साथ दुर्भाग्य है कि जहां सबसे बड़े पैमाने पर भारत सरकार के उपक्रम काम कर रहे हैं उसके हाथ-पैर और सर सभी जकड़ रखे हैं. इसीलिए यह मुझे मिल जाए तो राज्य आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है. नीति आयोग के सदस्यों के साथ मीटिंग हुई थी तो स्पष्ट रूप से पदाधिकारियों के साथ कहते कि डीवीसी से बिजली नहीं चाहिए मुक्ति दिला दो. ये लोग गरीबों को तो बिजली देते नहीं हैं. मठाधीशों को बिजली देते हैं. हमारा कोयला, हमारा बिजली, हमारी जमीन, हमारा पानी और हम पर ही दादागिरी कर रहे हैं.

यूपी-कर्नाटक देख लीजिए, उनका क्यों नहीं कटता, हमारे साथ सौतेला व्यवहार होता है. हमारे कोयला कंपनियों का लाखों रुपये बकाया है जो हमको उनसे मिलना चाहिए था. वह भी सरकार है और हम भी सरकार हैं और कंपनी भी सरकार है. सेटलमेंट कर लीजिए जो पैसा बकाया है उतना पैसा काट लीजिए. हालांकि काटने के बावजूद भी पैसा देने की स्थिति में नहीं हैं. आज केंद्र सरकार ने भिखमंगे जैसी स्थिति देश की कर दी है.

सवाल: विपक्ष वादाखिलाफी का आरोप आपकी सरकार पर लगा रहा है?
उत्तर: इनके पास बोलने के लिए कोई मुद्दा नहीं है. ये बदनाम करने के लिए सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. लोगों के दिमाग से खेल कर रहे हैं. इनका हमेशा फूट डालो और राज्य करो का सिद्धांत रहेगा. यह झूठ भी ताकत से बोलते हैं. लेकिन इनके छलावे और करिश्माई भाषण का जनता पर कोई असर नहीं पड़ता है.

सवाल: केंद्र सरकार कृषि कानून को वापस ले चुकी है, इसे आप किस तरीके से देख रहे हैं?
उत्तर: केंद्र सरकार से पूछिए वापस क्यों लिया. इनको लगता है कि सत्ता की ताकत और धन से हम लोग कुछ भी कर सकते हैं. सांसद-विधायक ऐसा करते हैं जैसे बाजार में आलू-सब्जी खरीद रहे हैं. लेकिन इस लोकतंत्र की खूबसूरती है कि ऐसे सोच वालों को जवाब भी उसी तरीके से मिलता है.

सवाल: विपक्ष का आरोप है कि आप लोग सदन में नेता प्रतिपक्ष नही बनने दे रहें हैं?
उत्तर: विपक्ष है कहां? X, Y, Z लोग हैं? आपके नजर में विपक्ष है? विपक्ष का लीडर ही नहीं है. यह खुद से ही घोषित कर देते हैं और नेता प्रतिपक्ष चुन लेते हैं. अपना नाच-गाना करते हैं अपने में जश्न करते हैं. भारतीय जनता पार्टी की ये स्थिति है कि इन्हें नेता नहीं मिल पा रहा और ये इधर उधर से नेता लेकर आ रहे हैं, ऐसा होता है क्या? हम क्यों रोकेंगे? दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा, कितने संवैधानिक पद खाली हैं इनकी वजह से नहीं भर पा रहे हैं.

सवाल: पिछले 2 साल के कार्यकाल के दौरान सरकार पर विपक्ष द्वारा पांच बड़े आरोप लगाए गए हैं, पहला आरोप आपकी सरकार पर यह है कि रोजगार के विषय पर जो आपने कहा था वह आप कर नहीं पा रहे हैं?
उत्तर: इनको कौन समझाए, इनकी बेशर्मी की हद ऐसी हैं कि कुछ असर ही नहीं होता है. आज हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है. क्या पिछली सरकार में ऐसा हो रहा था? सब आप लोगों के सामने हैं, मुझे कहने की आवश्यकता नहीं है. हमारे सरकारी आंकड़े उपलब्ध करा दिए जाएंगे.  20 साल में कौन नियमित नियुक्ति नियमावली बना दी?

सवाल: राज्य के मुख्यमंत्री के नाते आप युवाओं को क्या संदेश देंगे?
उत्तर: हम पढ़े-लिखे और कम पढ़े-लिखे दोनों को एक ही नजर से देखते हैं. JPSC का मामला लीजिए, लोगों के पेट में दर्द हो रहा है, क्योंकि गलत चीज खाने से पेट में दर्द होता है, राज्य में पहली बार पारा टीचर की बहाली हुई. पहली बार स्पोर्ट्स प्लेयर्स को नौकरी दी गई हैं.  2000 बच्चों को नियुक्ति पत्र अपने हाथों से दिया है, जिसमें 95% लड़कियां हैं. वो हम पर महिला विरोधी का आरोप लगाते हैं, लेकिन हम उन्हें तमिलनाडु से रिसीव करके ला रहे हैं और उनके दरवाजे पर नौकरी दे रहे हैं.

मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है. छोटे-मोटे लोगों को उद्योग लगाने के लिए सरकार सहयोग कर रही है. मंत्री, सांसद और अधिकारी ट्रैक्टर से गांव जा रहे हैं और सरकार से लोगों को जोड़ने का काम कर रहे हैं. आज पूरे राज्य में जहां ग्रामीण क्षेत्र है और वहां सदियों से नक्सलियों का डर था जो आज लगभग खत्म है.

सवाल: आप लोगों पर तृष्टिकरण का आरोप विपक्ष लगा रहा है?
उत्तर: इसमें तुष्टीकरण कहां है? किसके साथ तुष्टिकरण है? मॉब लिंचिंग बिल में ऐसा कुछ है क्या? कानून सबके लिए एक है, उनको तकलीफ यह है कि जो वो षड्यंत्र रच रहे थे उस चरित्र में आने वाले समय में नकेल कसने जा रही है. इसलिए उनको दर्द हो रहा है.

सवाल: आप कई बार 'ऑपरेशन लोट्स' का जिक्र कर चुके हैं, क्या इसकी गूंज झारखंड में भी सुनाई दी?
उत्तर: उनको लगता है कि पैसे की बदौलत वे विधायक और सांसद सभी को खरीद लेंगे. यह व्यापारी जमात क्या जाने किसानों का दर्द, इन्हें पता नहीं है कि पूरी दुनिया इन्हें देख रही है. इनको पता था कि इसका अंजाम कितना बुरा होगा इसीलिए कृषि कानून वापस लिया गया.हैं

सवाल: सरकार 2 साल पूरे करने जा रही है, सबकी निगाह आप पर हैं, आप क्या करने जा रहे हैं?
उत्तर:
अभी एक सफर और तय करना है. दुर्भाग्य से हम कोरोना के साथ लगातार काम कर रहे हैं. हमें संक्रमण को देखिए हुए सावधानी से आगे बढ़ना है. इसलिए जो सरकार का निर्देश दिया जाता है उसका लोग पालन करें. सरकार एक लंबी कार्ययोजना के साथ काम कर रही है. हमें पूरा विश्वास है कि आगे हम आने वाली पीढ़ी को शिक्षा देंगे, इसी आशा उम्मीद के साथ अब तक अच्छा हुआ है और आगे भी बेहतर होगा.

 

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