रांची : राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपने फैसले से पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री से मिलने का फैसला ले चुके हैं. अब इसके मायने निकाले जाने लगे हैं. राष्ट्रपति चुनाव से पहले होने वाली मुलाकात को लेकर कहा जा रहा है कि ये मुलाकात तो एक बहाना है. दरअसल राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए की तरफ से बीजेपी ने द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है. 


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झारखंड में महागठबंधन सरकार के अगुवा सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपने पत्ते खोलने से पहले देश के गृहमंत्री अमित शाह से मिलने का फैसला लिया तो अंदर खाने उनके अपनों के ही कान खड़े हो गए. सत्ता के गलियारे में इस मुलाकात के मायने निकाले जाने लगे हैं. चर्चा यहां तक होने लगी है कि क्या ये मुलाकात दोनों दलों के बीच की दूरी को कम करेगा और दोनों दल को करीब लायेगा ?


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ऐसा इसलिए क्योंकि पहले भी झारखंड में जेएमएम और बीजेपी के तालमेल से गठबंधन की सरकारें चली है. ऐसे में इस मुलाकात के मायने निकाला जाना स्वाभाविक है. वो भी ये मुलाकात वैसे समय में हो रह है, जब अगले दिन निर्वाचन आयोग में सीएम से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से जुड़े मामले की सुनवाई होनी है. सीएम के भाई से जुड़े मामले में भी निर्वाचन आयोग में 29 जून को सुनवाई की तारीख तय है. 


हालाकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अमित शाह के मुलाकात पर जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे का कहना है कि बोलने वालों का मुंह बंद नहीं किया जा सकता है. एक सीएम अगर देश के गृह मंत्री से मिलते हैं और उस पर अगर राजनीति होती है तो अफसोस की बात है. अमित शाह केंद्र सरकार में नंबर दो की हैसियत रखते हैं और अगर उनसे मुलाकात होती है तो बोलने वालों को रोका नहीं जा सकता. राष्ट्रपति चुनाव से लेकर सरना धर्म कोड सहित राज्य के कई मुद्दे हैं उन मुद्दों को लेकर चर्चा होती है तो क्या दिक्कत है.
          
वहीं इस मुलाकात को लेकर बीजेपी सांसद सुनील सोरेन का कहना है कि अगर दोनो में मुलाकात होती है तो बातचीत से बात आगे बढ़ेगी और बात पटरी पर आयेगी. सीएम हेमंत सोरेन विचार कर रहे होंगे क्योंकि ट्राइबल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति उम्मीदवार है उनको समर्थन देना चाहिए.


सीएम हेमंत सोरेन और गृह मंत्री अमित शाह के मुलाकात पर एजेएसयू नेता हसन अंसारी ने कहा कि ये कोई शर्त का विषय नहीं है. गृह मंत्री से मिलना कोई आवश्यक नहीं. हेमंत सोरेन अमित शाह से मिल सकते हैं. मिलना कोई नई बात नहीं पर अगर राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मिलना चाहते हैं तो इसका निर्णय पहले ले चुके होते तो अच्छा संदेश जाता. जेएमएम को समर्थन देने में इतनी हिचकिचाहट क्यों. 


वहीं इस मामले में झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि हर चीज को देखने का अपना नजर और नजरिया अलग-अलग होता है. जिस रूप में देखेंगे उसी रुप में चीजें नजर आयेगी.