गुमला : गुमला के पुग्गु ज्योति नगर में भूख से मौत की खबर के बीच जिला प्रशासन ने बितना चीक बड़ाईक के निवास स्थल पहुंचकर मामले की जांच की. मुहल्ले के ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 80 वर्षीय बितना चीक बड़ाइक इस मोहल्ले में अकेले रहता था और वह लोगों से मांग कर अपना जीवनयापन करता था. 


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भूख से मौत के मामले से ग्रामीणों ने इंकार किया है. ग्रामीणों का कहना है कि जब भी उसे जरूरत पड़ता था हम लोगों के बीच आकर वह मांगता था. हम लोग खाना एवं अन्य सुविधाएं उसे देते थे. क्योंकि यह मोहल्ला घनी आबादी वाला मोहल्ला है. 


इस मामले को लेकर ज़ी मीडिया ने गुमला के डीसी सुशांत गौरव से मिलकर वस्तुस्थिति की जानकारी चाही तो ज़ी मीडिया के पहल पर गुमला के डीसी सुशांत गौरव ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी को इस मामले में जांच का आदेश दिया. जांच टीम वहां पहुंची और मामले का तत्परता पूर्वक जांच किया. 


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इस मामले में भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष सबिन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि यह मामला भूख से मौत का मामला नहीं है. चूंकि घनी आबादी वाले इस क्षेत्र में खाने-पीने व अन्य सामान सहित सामान्य गुजर बसर का आवश्यक प्रबन्ध में स्थानीय लोग उसे मदद भी देते थे. वहीं पड़ोस के लोगों का कहना है कि बितना चीक बड़ाईक नशे का सेवन करता था संभवतः किसी बीमारी के कारण उसकी मौत हो गई होगी. 


उधर भूख से मौत की अफवाह के बीच जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बितना चीक बड़ाईक का पोस्टमार्टम कराकर बाकी पहलुओं पर जांच की है कि आखिकार उसकी मौत कैसे हुई है?


इधर जिला आपूर्ति पदाधिकारी गुलाम समदानी ने भूख से मौत के मामले से इंकार करते हुए बताया कि जिला प्रशासन इस मामले में संवेदनशील है. पूरी तरह से जांच की गई है, भूख से मौत नहीं हुई है. जिला प्रशासन मृतक के दाह संस्कार की समुचित व्यवस्था कर रही है एवं परिजनों को यदि कोई समस्या है तो उसका भी समाधान करेगी. ज्ञात हो कि बितना चीक बड़ाईक पालकोट प्रखंड के उमरा गांव का निवासी है और गुमला के ज्योति नगर में वर्षों से रह रहा था. पूर्व में वह रिक्शा चलाता था. बाद में उम्र अधिक होने के कारण भीख मांग कर अपना जीवनयापन करता था.