Ranchi Violence: झारखंड की राजधानी रांची में डेली मार्केट की हिंसा और उपद्रव मामले में रांची के तीन अलग-अलग थानों में पुलिस ने 9 एफआइआर, 26 नामजद और दस हजार अज्ञात को आरोपित बनाया है. इनमें डेली मार्केट थाने में तीन केस, लोअर बाजार थाने में पांच केस व हिंदपीढ़ी थाने में एक केस दर्ज किया गया है. इनमें पुलिस-प्रशासन की ओर से चार केस दर्ज कराया गया है. जबकि चार केस अलग-अलग पब्लिक पीटिशन पर दर्ज हुए हैं. बता दें कि इस हिंसा में शुक्रवार को हुई हिंसक झड़प में घायल दो लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गयी है, जबकि कई अन्य की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है. गंभीर रूप से घायल सभी का इलाज रिम्स में चल रहा है. झड़प में घायल रिम्स में भर्ती 24 वर्षीय नदीम की स्थिति भी गंभीर है.


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सिटी एसपी ने जांच और उपद्रवियों की धरपकड़ का उठाया जिम्मा
सिटी एसपी अंशुमान कुमार ने एसआइटी का गठन किया है. एसआइटी रांची हिंसा के पूरे प्रकरण की जांच और उपद्रवियों की धरपकड़ शुरू कर दी है. एसआइटी में कोतवाली डीएसपी, सिटी डीएसपी, साइबर सेल की डीएसपी, कोतवाली थानेदार, हिंदपीढ़ी, चुटिया लोअर बाजार थानेदार सहित अन्य थानों के थानेदारों को शामिल किया गया है. एसआइटी ने पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है.


उपद्रवियों की तलाश में जुटी एसआइटी
एसआइटी ने उपद्रवियों की पहचान के लिए डेली मार्केट और आसपास स्थित सीसीटीवी कैमरे को खंगालना शुरू कर दिया है. जिन अराजक तत्वों की ओर से पुलिस पर पथराव किया गया और दूसरे के धार्मिक स्थल पर पथराव कर अशांति फैलाने की कोशिश की गयी, उनकी तलाश के लिए पुलिस लगातार छापामारी अभियान चला रही है.


किन थानों में कितनी हुई है एफआइआर
डेली मार्केट की हिंसा और उपद्रव मामले में रांची के तीन अलग-अलग थानों में पुलिस ने 9 एफआइआर, 26 नामजद और दस हजार अज्ञात को आरोपित बनाया है. डेली मार्केट थाने में दो एफआइआर रांची अंचल के सीओ अमित भगत के आवेदन पर केस दर्ज कराया गया है. जिसमें एक एफआइआर उपद्रव को लेकर, दूसरी एफआइआर मंदिर में तोड़फोड़ को लेकर कराई गई है. हिंसा को लेकर तीसरी एफआइआर बिहार के पथ निर्माण मंत्री नीतिन नवीन के आवेदन पर दर्ज हुई है. जिसमें वाहन में तोड़फोड़ व हमला का आरोप लगाया गया है. लोअर बाजार थाने में दर्ज पांच मामलों में से एक मामला पुलिस की ओर से दर्ज कराया गया है. साथ ही चार मामले आम लोगों ने दर्ज कराए है. जिसमें उनपर हमला व वाहनों में तोड़फोड़ को लेकर दर्ज की गई है. हिंदपीढ़ी थाने में एक केस दर्ज हुआ है, जिसकी शिकायतकर्ता खुद पुलिस बनी है. इसमें एकरा मस्जिद के बाहर से नाजायज मजमा लगाकार बिना अनुमति जुलूस निकालने का आरोप है.


हिंसा में कितने लोगों की हुई मौत और कितने हुए घायल 
रांची में शुक्रवार को हुई हिंसक झड़प में घायल दो लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गयी है, जबकि कई अन्य की स्थिति गंभीर बतायी जा रही है. गंभीर रूप से घायल सभी का इलाज रिम्स में चल रहा है. झड़प में घायल रिम्स में भर्ती 24 वर्षीय नदीम की स्थिति भी गंभीर है. बताया गया है कि उसके गर्दन में गोली लगी थी, जिसके बाद अब सिफर में ब्लड क्लॉटिंग हो गयी है और उसकी स्थिति काफी गंभीर बतायी जा रही है. उसका इलाज रांची रिम्स स्थित क्रिटिकल केयर यूनिट में चल रहा है. वहीं रांची के हिन्दपीढ़ी निवासी मुद्दशर उर्फ कैफी और कर्बला टैंक रोड निवासी मो साहिल को भी गोली लगी थी और रिम्स में इलाज के दौरान देर रात दोनों की मौत हो गयी.


नेताओं ने शहर में शांति बनाने का किया आग्रह 
घटना के विरोध में आज विभिन्न धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों की अलग-अलग स्थानों पर गुपचुप तरीके से बैठक हुई. बैठक में धार्मिक नेताओं ने इस घटना की निंदा की और आपसी सौहार्द बनाये रखने के साथ स्थिति को सामान्य बनाने में प्रशासन का सहयोग करने का निर्णय लिया गया है. वहीं घटना के बाद से धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. धार्मिक नेताओं ने शहर में शांति बनाये रखने के लिए सभी से सहयोग का आग्रह किया है.


जेडीयू एमएलसी गुलाम गौस और जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडेय ने केंद्र पर साधा निशाना
देश मे भड़की हिंसा पर जेडीयू से एमएलसी गुलाम गौस ने कहा कि नूपुर शर्मा पर कोई कारवाई नहीं हुई. नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी होनी चाहिए. बिना कोर्ट की इजाजत लोगों के घर पर बुल्डोजर चल जाता है. लेकिन एक धर्म के खिलाफ बोलने वालों पर कुछ नहीं हो रहा. केंद्र सरकार ने कार्रवाई में विलंब किया. 2014 के बाद देश के हालात बदले हैं. कभी धारा 370 कभी लव जिहाद कभी ट्रिपल तलाक जैसे मसलों ने माहौल को ख़राब किया. धर्म विशेष फोबिया से लोग ग्रसित हो गए हैं केंद्र सरकार में बिहार के एक मंत्री हैं जब भी बिहार आते हैं तो एक धर्म के खिलाफ बिना बोले उनका खाना नहीं पचता है. साथ ही रांची में हींसक झड़प और गोलीबारी की घटना पर रांची जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडेय ने भाजपा पर जम कर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सरकार इस घटना को लेकर सजग और एसआईटी गठित भी कर दिया जो भी दोसी है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 2024 के चुनाव को लेकर पुरे देश को जलाने की साजिश है. 


देश को बचाने की जरूरतः नितिन नवीन  
मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि 2014 के बाद वाकई देश के हालात बदले हैं. अब धर्म विशेष के नाम पर तुष्टिकरण को देश की जनता ने खारिज कर दिया है. ट्रिपल तलाक से महिलाओं को मुक्ति मिली है. ये लोग घर की महिलाओं का शोषण करते हैं. देश मे रहना है तो देश के कानून से चलना होगा. भाजपा सांसद रामकृपाल यादव ने हाथ जोड़कर अपील की है कि अभी मामले पर राजनीति करने का वक़्त नहीं है देश के हालात ख़राब हैं. देश को बचाने की जरूरत है.


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