Ranchi: हिंसा और बवाल पर रांची के एसपी सिटी अंशुमान कुमार ने कहा कि भीड़ की तरफ से गोली चलाई गई थी. जिसके बाद पुलिस ने अपने बचाव में गोली चलाई थी. इस हिंसा में कई पुलिसवाले भी घायल हो गए हैं. वहीं, हिंसा में षड्यंत्र को लेकर उन्होंने आगे कहा कि ये एक जांच का विषय है, फ़िलहाल इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. 


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हिंसा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि रांची की जिस मेन रोड पर हिंसा हुई है, वहां पर एक दिन रात में बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पोस्टर भी बांटे गए थे. इसके अलावा मुस्लिम समाज के लोगों को एकत्रित होने के लिए भी कहा गया था. जिसके बाद इकरा मस्जिद के बाहर लोग एकत्रित हुए थे. फिर प्रदर्शन मार्च दूसरी तरफ रवाना हो गया था. जुलूस फिर लौटा और मस्जिद के सामने से होते हुए हनुमान मंदिर की ओर बढ़ गया और माहौल बिगड़ गया.


बता दें रांची में हुए हंगामे के बाद अबतक कुल 25 एफआईआर दर्ज की गई है. जिसमें 22 नामजद लोग शामिल हैं. जबकि हजारों अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. मामले को लेकर रांची उपायुक्त ने बताया कि आज सुबह 4 बजे से इन्टरनेट सेवा बहाल की गई है और स्थिति नियंत्रण में है. वहीं उन्होंने बताया कि लोअर बाजार,कोतवाली, हिंदपीढ़ी, डेली मार्केट, चुटिया, डोरण्डा मे धारा 144 अभी भी लागू हैं हालांकि 1 बजे से 5 बजे तक जो भी इलाके के निवासी है वो अपने घर से निकल कर सामान दुकानों से खरीद सकते हैं लेकिन अगर दुकान में 4 से ज्यादा लोग मौजूद रहेंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी.


वहीं रांची एसएसपी सुरेन्द्र कुमार झा ने बताया कि उपद्रव और हंगामा करने वालों के खिलाफ शहर भर में अबतक 25 FIR दर्ज हुए हैं. वहीं दोषियों की शिनाख्त की जा रही है. उन्होंने बताया की घटना में कोई बाहरी साजिश थी या नहीं इसकी जांच पुलिस के द्वारा की जा रही है लेकिन अबतक इसका कोई साक्ष्य नहीं मिला है. वहीं उन्होंने बताया कि वैसे वीडियो या मैसेज जिस कारण समाज में आपसी सौहार्द खराब होगा इसे भेजने वालों की पहचान कर उनपर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा सहारनपुर के उपद्रवियों के सवाल पर रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) सुरेंद्र कुमार झा (Surendra Kumar Jha) ने कहा कि हिंसा में शामिल कुछ लोग सहारनपुर से आए थे, इसको लेकर अभी जांच चल रही है. फिलहाल किसी भी अफवाहों पर ध्यान ना दें. 


इंटरनेट सेवा हुई बहाल


रांची में बीते शुक्रवार को हुई हिंसा और बवाल के बाद हालात अब सामान्य होने लगे हैं. 36 घंटे बाद रविवार सुबह से इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गयी है. मेन रोड को छोड़ शहर के ज्यादातर इलाकों में दुकानें खुल गयी हैं. एहतियात के तौर पर रांची के 12 थाना क्षेत्रों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी रखी गयी है. राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की है.


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भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के आपत्तिजनक बयान के विरोध में शुक्रवार दोपहर मेन रोड में प्रदर्शन करने उमड़े लोग अचानक उग्र होकर पथराव करने लगे थे. हालात नियंत्रित न होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज के बाद गोलियां चलायी थीं. बवाल में पुलिसकर्मियों सहित दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इनमें से तीन लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गयी. दो और की हालत गंभीर बतायी जा रही है. घटना के विरोध में शनिवार को पूरे दिन रांची बंद रही.


तोड़फोड़ और हिंसा को लेकर रांची के चार थाना क्षेत्रों में कुल नौ एफआईआर दर्ज की गयी है. इनमें चार एफआईआर पुलिस की तरफ से और पांच एफआईआर आम लोगों की ओर से दर्ज हुई है. सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ करने के आरोपों में पुलिस की ओर से दर्ज करायी गयी एफआईआर में 26 नामजद और साढ़े दस हजार अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है.


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोगों से संयम बरतने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है. उनके आदेश पर सरकार की ओर से बनायी गयी दो सदस्यीय जांच समिति में वरिष्ठ आईएएस अमिताभ कौशल और एडीजी संजय लाटकर शामिल हैं. समिति को एक हफ्ते में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.