पटनाः आरएलएसपी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा बिहार की राजनीति का केंद्र बने हुए हैं. जहां एक ओर एनडीए का साथ छोड़कर वह गठबंधन पर जमकर निशाना साध रहे हैं, तो वहीं महागठबंधन के साथ जाने को लेकर साफ बात नहीं कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनके पास विकल्प खुला है वह विचार कर रहे हैं. उनकी इस राजनीति पर हम के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने हमला बोला है. जीतनराम मांझी ने उनपर स्वार्थ की राजनीति का आरोप लगाया है.


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उपेंद्र कुशवाहा अपना राय स्पष्ट नहीं कर रहे हैं. इस वजह से महागठबंधन में भी उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बात विवाद जारी है. जहां एक ओर वह लगातार कांग्रेस के बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. वहीं, महागठबंधन के साथ जाने की घोषणा वह नहीं कर रहे हैं. इस वजह से महागठबंधन के दलों में भी आक्रोश हो रहा है.


इस दौरान जीतनराम मांझी जो महागठबंधन को एक जुट करने की कवायद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने तीन विकल्प खोल कर रखा है. उसी विकल्प के तहत वह लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. लेकिन वह अभी तक महागठबंधन में आने के लिए तय नहीं कर पा रहे हैं. यह अच्छी बात है कि वह कांग्रेस के नेताओं से मिल रहे हैं. लेकिन वह बारगेंनिंग का काम कर रहे हैं जो गलत है.


अगर उपेंद्र कुशवाहा समाज और राज्य के कुछ करना चाहते तो वह पहले ही स्पष्ट बात करते. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं. मांझी ने कहा उपेंद्र कुशवाहा को कहां से ज्यादा लाभ मिले इसे लेकर वह मोल भाव कर रहे हैं. यह राजनीति ठीक नहीं है. अलग-अलग पार्टियों के लोगों से मिलना यह कुशवाहा के स्वार्थ को दर्शाता है.


गौरतलब है कि हम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वृषण पटेल आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात किया है. बताया जा रहा है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में 5 सीटों का दावा किया है.


आपको बता दें कि हम अध्यक्ष जीतनराम मांझी को राजस्थान में अशोक गहलोत के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि मुझे बुलाया गया है, यह महागठबंधन के मजबूत बनाने का एक बड़ा प्रयास है.