मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने से पहले ही राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। राज्यपाल के प्रधान सचिव ब्रजेश महरोत्रा ने मांझी के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने की पुष्टि की। वहीं, राज्यपाल ने मांझी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। नई सरकार बनने तक मांझी मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। दूसरी ओर, नीतीश कुमार को शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ के लिए बुलाया जा सकता है।
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पटना : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने से पहले ही राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। राज्यपाल के प्रधान सचिव ब्रजेश महरोत्रा ने मांझी के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने की पुष्टि की। वहीं, राज्यपाल ने मांझी का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। नई सरकार बनने तक मांझी मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। दूसरी ओर, नीतीश कुमार को शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ के लिए बुलाया जा सकता है।
महरोत्रा ने इस्तीफा दिए जाने के कारणों के बारे में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए बताया कि मांझी का इस्तीफा मात्र एक पंक्ति में है। मांझी का आज राजभवन जाने का कोई पूर्व-निधारित कार्यक्रम नहीं था लेकिन वह आज अचानक दस बजे वहां गए और राज्यपाल से मिलकर करीब 15 मिनट के बाद राजभवन से निकले तथा एक, अणे मार्ग स्थित अपने आवास चले गए। मांझी ने इस्तीफे के बाद अपने आवास पर संवाददाताओं को संबोधित भी किया। मांझी ने कहा है कि मेरे पास आज भी 140 से ज्यादा विधायकों का बहुमत हासिल है लेकिन सदन में खून-खराबा नहीं हो इसलिए मैंने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया। मेरे पास इस्तीफा देने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह गया था। मांझी ने विधानसभा के स्पीकर पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने संसदीय परंपरा का पालन नहीं किया। विधानसभा में नेता विरोधी दल को मान्यता नहीं दी गई। उन्होंने बार-बार संदेहास्पद कार्रवाई की। इसलिए मुझे स्पीकर के आचरण पर संदेह हुआ। मेरे समर्थकों को सदन में बैठने की जगह नहीं दी गई। उनका रवैया हमेशा पक्षपातपूर्ण रहा।
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के इस्तीफे पर पूर्व मुख्यमंत्री और जदयू विधायक दल के नए नेता चुने गए नीतीश कुमार ने कहा कि आज इसकी पुष्टि हो गई कि उन्होंने राज्यपाल केशरीनाथ से विश्वास मत हासिल करने के लिए अधिक समय नहीं दिए जाने तथा बहुमत का फैसला बिहार विधानमंडल के बजट सत्र से पहले करवाने की जो मांग की थी वह सही थी। उन्होंने कहा कि 14 दिनों के बाद यह सबकुछ हो रहा है वह भी अचानक तथा ऐसे समय पर, जब राज्यपाल के अभिभाषण के लिए दोनों सदनों के सदस्य विधानमंडल परिसर में पहुंच रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे भाजपा का ‘गेम प्लान’ बेनकाब हो गया है। हम लोग पहले से ही कह रहे थे विश्वास मत का फैसला बजट सत्र के पहले कर लिना जाना चाहिए था और राज्यपाल भी उनके इस तर्क से सहमत थे लेकिन बाद में ऐसा (मांझी का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा) हुआ। जोड़-तोड़ की सारी कोशिश कर ली गयी और उसमें कामयाबी नहीं मिली जिसके बाद अचानक ऐसा फैसला किया गया। नीतीश ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मांझी के इस्तीफा देने में देरी हुई है। मांझी को पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। बीजेपी का गेमप्लान एक्सपोज हो गया है। मांझी ने जोड़ तोड़ की पूरी कोशिश की लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हो पाए और इस्तीफा दे दिया। इस वाकये से अब बीजेपी का पर्दाफाश हो गया है।
उल्लेखनीय है कि बिहार विधानमंडल के आज से शुरू हो रहे बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद के समवेत सत्र को आज पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे संबोधित करने का कार्यक्रम था। अब इस पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को बिहार विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने विशेष परिस्थिति में रद्द किए जाने की घोषणा की।