पटनाः बिहार महागठबंधन में सीट शेयरिंग फाइनल होने का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है. वहीं, सहयोगी दलों की बेचैनी काफी बढ़ी हुई है. माना जा रहा है कि मार्च के पहले हफ्ते तक चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान कर सकता है. वहीं, जीतनराम मांझी लगातार सीटों को फाइनल करने का दवाब बना रहे हैं. साथ ही कांग्रेस से अधिक सीट लेने का दावा कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने लालू यादव से मुलाकात करने की इच्छा जताई थी. वहीं, एनडीए से उन्हें आमंत्रण आने के बाद उन्होंने दिल्ली जाने की बात कही थी. शायद इसी वजह से लालू यादव ने उन्हें फौरन मुलाकात करने का समय दे दिया है.


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जीतनराम मांझी इन दिनों बिहार महागठबंधन की सुर्खियों में बने हैं. सीटों को लेकर मांझी में असंतोष नजर आ रहा है. इस वजह से वह लगातार सीटों का दावा कर रहे हैं और अब लालू यादव से मुलाकात करने की बात कर रहे हैं. उन्होंने पहले ही घोषणा की थी वह जल्द ही सीटों के लिए लालू यादव से मुलाकात करेंगे. हालांकि 23 फरवरी को मुलाकात की बात को उन्होंने पहले नकार दिया था, लेकिन अब वह आज मुलाकात करने जा रहे हैं.


सीटों को लेकर जीतनराम मांझी के लगातार बयान और असंतोष को देखते हुए बीजेपी ने उन्हें एनडीए में आने का आमंत्रण दिया था. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने यहां तक कहा था कि अगर वह एनडीए में आएंगे तो शीटों पर विचार किया जा सकता है. वहीं, आरएलएसपी के बागी नेता ललन पासवान ने भी उन्हें एनडीए के लिए आमंत्रित किया. और दावा किया कि अगर वह आए तो उनका पूरा सम्मान किया जाएगा.


वहीं, उन्होंने शुक्रवार को कहा था कि उन्हें लालू यादव से मुलाकात करने का आदेश नहीं मिला है. जिसके बाद उन्होंने कहा कि वह दिल्ली जा रहे हैं. हालांकि उन्होंने कहा था कि वह दिल्ली अपने निजी कामों से जा रहे हैं. लेकिन यह खबर सामने आने के बाद शायद लालू यादव को एहसास हो गया कि शायद मांझी कही एनडीए की ओर रूख करने की तो नहीं सोच रहे हैं. इसलिए शायद उन्हें लालू यादव ने फौरन मुलाकात करने का वक्त दे दिया है.


अब ऐसा माना जा रहा है कि मांझी सीटों को लेकर अपनी बात लालू यादव के पास रखेंगे. और शायद यह बात फाइनल होगी की उन्हें महागठबंधन में कितना सम्मान दिया जाएगा. क्योंकि मांझी पर पार्टी की ओर से दवाब है कि उन्हें आरजेडी के बाद सबसे अधिक सीट लेनी होगी. इस बात को उन्होंने खुद कहा है. क्योंकि कांग्रेस से अधिक सीटों के दावों पर मांझी ने कहा था कि यह बयान उनका पार्टी की ओर से है. यह उनका निजी बयान नहीं है.