दहेज को लेकर विवाहिता की हत्या के 85 दिन बाद भी नहीं मिला न्याय, CM से लेकर प्रशासन तक लगाई गुहार
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दहेज को लेकर विवाहिता की हत्या के 85 दिन बाद भी नहीं मिला न्याय, CM से लेकर प्रशासन तक लगाई गुहार

देखा जाए तो हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें समय से चार्जशीट नहीं दाखिल करने की वजह से विभिन्न मामलों कई आरोपियों को न्यायालय के द्वारा जमानत दे दिया गया.

दहेज को लेकर विवाहिता की हत्या के 85 दिन बाद भी नहीं मिला न्याय, CM से लेकर प्रशासन तक लगाई गुहार.

बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में पुलिस की लापरवाही का एक और मामला सामने आ रहा है. जब तकरीबन 85 दिन बीत जाने के बावजूद भी एक विवाहिता की हत्या मामले में न्यायालय में अभी तक चार्जशीट (Chargesheet) दाखिल नहीं किया गया. दूसरी ओर मृतका के परिजन न्याय के लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ मुख्यमंत्री तक के दरवाजे खटखटा रहे हैं. यहां तक की मृतका की 4 वर्षीय पुत्री अपनी मां को इंसाफ दिलाने के लिए पुलिस से विनती कर रही है, लेकिन इन सब बातों से परे पुलिस चुपचाप बैठी है. 

देखा जाए तो हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें समय से चार्जशीट नहीं दाखिल करने की वजह से विभिन्न मामलों कई आरोपियों को न्यायालय के द्वारा जमानत दे दिया गया.

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पटना जिले के पंडारक निवासी ओमप्रकाश शर्मा की बेटी आराधना कुमारी की शादी वर्ष 2015 में बेगूसराय जिले के पोखरिया निवासी मनीष कुमार से हुई थी. शादी के वक्त परिजनों ने यथासंभव उपहार स्वरूप कुछ पैसे और गहने भी दिए थे. कुछ दिन तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा लेकिन धीरे-धीरे ससुरालवालों ने आराधना पर दहेज का दबाव बनाना शुरू कर दिया. 

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पत्नी को लेने पति पहुंचा ससुराल
इसी क्रम में आराधना ने एक पुत्री को भी जन्म दिया. इस बीच पति मनीष कुमार समेत ससुरालवालों की तरफ से लगातार आराधना के साथ मारपीट की जाती रही. ससुरालवालों की प्रताड़ना से तंग आकर आराधना अपने मायके चली गई, लेकिन 30 अक्टूबर 2020 को आराधना का पति मनीष कुमार अपने ससुराल पहुंचा और आराधना से घर आने की मिन्नत आरजू करने लगा. 

गला दबाकर की हत्या
आराधना के परिजनों ने मनीष को आराधना की विदाई से इंकार कर दिया, लेकिन मनीष कुमार के द्वारा ससुराल पक्ष के लोगों के सामने माफी मांगी गई. आगे से आराधना को प्रताड़ित नहीं करने का वचन भी दिया गया. तब जाकर परिजनों ने आराधना की विदाई कर दी, लेकिन 31 अक्टूबर 2020 की संध्या आराधना के पति मनीष कुमार, सास ललिता देवी सहित मनीष कुमार के बहन एवं अन्य सगे संबंधियों ने मिलकर गला दबाकर आराधना की हत्या कर दी. 

इस मामले में पुलिस के द्वारा मनीष कुमार एवं ललिता देवी को तुरंत गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन अन्य आरोपी पुलिस की पकड़ से अभी तक बाहर हैं. पोस्टमार्टम (Postmortem)रिपोर्ट में भी हत्या की पुष्टि हो चुकी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद भी स्थानीय प्रशासन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है. 

सीएम से लेकर प्रशासन तक लगाई गुहार
उक्त मामले में आराधना कुमारी के परिजनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar)से लेकर जिला प्रशासन तक कई बार गुहार लगाई. मुख्यमंत्री के द्वारा दो बार जिले के डीएम एवं एसपी को रिमाइंडर भी किया गया लेकिन इन सब बातों से बेपरवाह प्रशासन अपने रवैए पर कायम है. 

अब दूसरी और परिजनों ने केस के आईओ पर प्रभाव में आकर काम करने का आरोप लगाया है. अब जब घटना के तकरीबन 85 दिन बीत चुके हैं तो मामले के अधिवक्ता एवं मृतका के परिजनों को फिर वही शंका से परेशान है कि एक बार फिर समय से चार्जशीट नहीं दाखिल करने की वजह से न्यायालय के द्वारा 163 का लाभ देकर आरोपियों को जमानत दे दी जाएगी. परिजन न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खाता रहा है और पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगातार लगा रहा है.

इस मामले में एसपी अवकाश कुमार ने दूरभाष पर बताया कि चार्जशीट समय पर दाखिल होगा तथा कोई भी आरोपी बख्शा नहीं जाएगा तथा पीड़ित को न्याय मिलेगा. जो भी बचे दोषी लोग होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी.