केंद्र सरकार द्वारा किए गए केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में जहां मध्य प्रदेश के दो शहर पहले और दूसरे स्थान पर हैं जो वहीं टॉप 250 में भी बिहार का कोई शहर स्थान नहीं बना पाया है.
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पटना: केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना बिहार के छोटे से शहर कटिहार से पिछड़ गया है. पटना नगर निगम से लेकर राज्य सरकार तक स्वच्छ पटना के दावे करते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि बिहार की राजधानी पटना सहित राज्य का एक भी शहर देश के टॉप 250 स्वच्छ शहर में भी अपनी जगह नहीं बना सका है.
केंद्रीय सरकार द्वारा 2018 का सर्वे रिपोर्ट जारी किया गया जिसमें कटिहार को 287वां रैंक दिया गया. इसके साथ ही कटिहार बिहार के सबसे साफ-सुथरे शहर में पहले नंबर पर है तो वहीं राजधानी पटना को 312वां रैंक दिया गया है. आपको बता दें कि पिछले साल पटना 262वें रैंक पर काबिज था. इससे साफ पता चलता है कि सफाई के मामले में धीरे-धीरे पटना और भी अधिक पिछड़ता जा रहा है.
आपको बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश के दो शहर इंदौर और भोपाल पहले और दूसरे स्थान पर हैं . इसका अर्थ ये है कि इंदौर देश का सबसे साफ और स्वच्छ शहर है. बात अगर पटना की करें तो पटना नगर निगम को खराब सेवा में बहुत कम अंक मिले हैं. सर्विस लेवल पर औसत 287 अंक था जबकि पटना को महज 155 अंक मिले हैं.
केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना का प्रर्दशन पिछले दो सालों से लगातार खराब है. 2016 में भी 73 शहरों में पटना को 70वां रैंक मिला था. वहीं बिहार के बाकी शहरों की बात करे तो कटिहार और पटना के बाद सफाई के मामले में किशनगंज तीसरे नंबर पर है और मुजफ्फरपुर चौथे नंबर पर है. इस साल सर्वेक्षण में देश के चार हजार शहरों को लिया गया है.