खूंटीः Jharkhand News: झारखंड के खूंटी के कई ऐसे गांव जहां कुव्यवस्था और भ्रष्टाचार के शिकार से त्रस्त ग्रामीण आज के दिनों में भी खेत में बने कुएं का पानी पीने को मजबूर हैं. जिसमें से लांदुर पंचायत अंतर्गत कई गांवों में नल से घर तक जल की योजनाओं पर केवल ठेकेदारी हुई और आजतक ग्रामीण अधिष्ठापित जलमीनार का पानी मुंह में लगा नहीं पाए. 


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विगत तीन वर्ष पहले लांदुर पंचायत के पीड़ीहातु में बना सोलर जलमीनार से बनने के बाद अभियंता द्वारा टेस्टिंग के लिए पानी निकाल कर दिखा दिया गया. उसके बाद ग्रामीणों को योजना का लाभ पानी नहीं ले पाए. जिसकी जानकारी पूर्व उपायुक्त से लेकर मंत्री तक को हुई लेकिन केवल चर्चा बनकर रह गयी और आज भी लोग कुआं का पानी पी रहे हैं.


स्थानीय ग्रामीण किशुन पाहन ने बताया कि सोलर जलमीनार से एक बार पानी निकलते हुए देखे थे उसके बाद से आजतक पानी नहीं मिला है. लेकिन ग्रामीण हमेशा कुआं का पानी ही पीते हैं. गांव में साठ घर लगभग है. सभी गर्मी, बरसात, ठंड हर दिन कुआं का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.


सुरजमनी कुमारी ने बताया कि सोलर जलमीनार बना था केवल दिखावे के लिए. चापाकल आधा अधूरा खोदा था जिसका भी उपयोग नहीं हुआ. सभी ग्रामीणों को कुआं का पानी पीना पड़ता है. गर्मी में पानी सूख जाता है. जिसके कारण लड़ाई भी हो जाती है. बरसात में भी गंदा पानी ही पीना पड़ता है.


सुखमनी कुमारी ने बताया कि गांव में दो कुआं है और सभी कुआं का ही पानी पीते हैं. बरसात में तो गंदा पानी पीना पड़ता है. लेकिन गर्मी में कुआं सूख जाता है तो नदी चले जाते हैं. जहां नदी के किनारे गड्ढा खोदकर पानी निकालते हैं. पानी पीने खाना बनाने के लिए पानी का समस्या होता है. कई बार मरम्मत करने के लिए बोले पर कोई सुनवाई नहीं हुई. यहां पीड़ीहातु गांव में पांच सौ लोग लगभग होंगे.
इनपुट- ब्रजेश कुमार


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