लखीसरायः Bihar Land Survey: बिहार सरकार भले ही जमीन का सर्वे करने के प्रक्रिया प्रारंभ कर दिया है. लेकिन यह प्रक्रिया आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. हालत यह है कि सुदूर गांव से लोग हर रोज सर्वे एवं सर्व कार्यालय का चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं. लेकिन उनका कार्य नहीं हो पा रहा है. जिससे उनकी परेशानी बढ़ गयी है. भूमि सर्वे के कागजात तैयार करने में जिले के किसानों और जमीन मालिकों के पसीने छूट रहे हैं. वहीं दूसरी ओर अमीनों की दुकान खूब चल निकली है.


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सुदूर ग्रामीण इलाके से जमीन सर्वे को लेकर किसान कार्यालय में कागजात जमा करने को लेकर किसानों को काफी परेशान हो रहे हैं. किसानों ने बताया कि पिछले सात दिनों से जमीन संबंधित कागजात को लेकर सर्वे कार्यालय आ रहें हैं, लेकिन यहां उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. सर्वे कर्मी अपनी मनमर्जी से कार्यालय आते हैं. नतीजा निराश होकर खाली हाथ बैरन वापस लौटना पड़ रहा है. इसके अलावा सर्वे कर्मियों द्वारा तरह-तरह का बहाना बनाकर वापस लौटा दिया जा रहा है. जिससे परेशानी बढ़ी हुई है.


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किसानों ने बताया कि सर्वे करना सरकार की अच्छी पहल है. लेकिन इसके लिए सरकार को पहले तैयारी करनी चाहिए थी. बगैर किसी तैयारी के सर्वे करने की घोषणा कर दी गई है और सर्वे का कार्य जैसे ही प्रारंभ हुआ है. कार्यालय कर्मियों के द्वारा कागजात देने के नाम पर तरह-तरह का बहाना बनाकर परेशान कर रहे हैं. सर्वे करने वाले कर्मचारी के द्वारा लोगों को काफी परेशान किया जा रहा है. 


भूमि सर्वेक्षण को लेकर सदर प्रखंड के महिसोना गांव स्थित पंचायत भवन का लगातार चक्कर काट रहे, कई किसानों ने मीडिया कर्मियों को देखते ही दौड़ पड़े और अपनी समस्या एवं परेशानी बताने लगे. किसानों ने सर्वेक्षण अमीन एवं कानूनों पर पैसा मांगने का आरोप लगाया है. किसानों ने बताया कि पैसा नहीं देने पर उन लोगों को परेशान किया जा रहा है. जो खतियान दादा-परदादाओं के नाम से है. वह भी ऑनलाइन नहीं चढ़ाया गया है. जमाबंदी भी ऑनलाइन नहीं है. परेशान लोग कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. ऐसी स्थिति में सर्वे का कार्य आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है.


वहीं बंदोबस्त पदाधिकारी भी मानते हैं कि अमीनों के विरुद्ध पैसे मांगने की शिकायत आई है. जिस पर कार्रवाई को लेकर विभाग को लिखा गया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जिले में सात शिविर बनाए गए हैं लेकिन सिर्फ चार शिविर प्रभारी भी है. इस कारण किसानों को थोड़ी परेशानी हो रही है. इसके लिए विभाग को लिखा गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि एक तरफ सरकार जहां सही ढंग से सर्वे कार्य प्रारंभ होने का दावा कर रही है. वहीं जमीनी स्तर पर हालात यह है कि किसानों को कई बार कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद भी उन्हें कागजात नहीं मिल पा रहा है. ऐसी स्थिति में किसानों की एक ही मांग है कि सर्वे का कार्य करने से पहले सरकार को अपने ढंग से पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए थी.
इनपुट- राज किशोर मधुकर


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