नेताओं से मुलाकात पर घिरे लालू यादव, जमानत रद्द होने की उठने लगी मांग
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नेताओं से मुलाकात पर घिरे लालू यादव, जमानत रद्द होने की उठने लगी मांग

टीडीपी नेताओं से पहले भी लालू प्रसाद से मिलने और उनका हाल जानने के लिए नेता आते रहे हैं.

पटना में लालू यादव से मिले थे टीडीपी के नेता.

शैलेंद्र कुमार/पटना : आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने और केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर समर्थन मांगने आये तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसदों से मुलाकात में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू यादव घिरते नजर आ रहे हैं. लालू यादव की परेशानी का सबब वो फोटोसेशन बन सकता है, जिसमें वो तेलुगु देशम पार्टी के सांसदों की ओर से दिए हुए कागजात को दिखाते हुए उनके साथ फोटो खिचवाते नजर आ रहे हैं. 

लालू प्रसाद से मिलने और उनका हाल जानने के लिए इससे पहले भी नेता आते रहे हैं, लेकिन तब सवाल नहीं उठा था, लेकिन जब लालू प्रसाद ने तेलुगु देशम के सांसदों के साथ फोटो खिंचवाया, तो डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 

इलाज के लिए रांची हाईकोर्ट ने दी है औपबंधिक जमानत 
23 दिसंबर 2017 के बाद चारा घोटाले के चार मामलों में सजा पा चुके लालू प्रसाद यादव इस समय औपबंधिक जमानत पर हैं. रांची हाईकोर्ट ने शर्तों के साथ इलाज कराने की इजाजत दी है. मुंबई में फेस्टुला के ऑपरेशन के बाद आठ जुलाई को लालू प्रसाद यादव पटना लौटे हैं और स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. इस दौरान कांग्रेस नेता अशोक गहलोत और तेलुगु देशम पार्टी के सांसदों से मुलाकात की तस्वीर मीडिया में आ चुकी है. इन्हीं दो मुलाकातों को आधार बना कर भाजपा के वरिष्ठ नेता और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने लालू प्रसाद यादव की जमानत रद्द करने की मांग कर दी है. उन्होंने इसके लिए बाकायदा बयान जारी किया है. 

अशोक गहलोत से भी मिले थे लालू यादव
डिप्टी सीएम ने अपने बयान में कहा है कि लालू प्रसाद को राजनैतिक कामों से अलग रहने की शर्त पर कोर्ट ने जमानत दी थी, लेकिन राजद अध्यक्ष लगातार इनका उल्लंघन कर रहे हैं. लालू प्रसाद ने पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत से बात की और फिर तेलुगु देशम देशम के सांसदों से मिले हैं. सीबीआई को लालू प्रसाद की जमानत तुरंत रद्द करानी चाहिए. 

सुशील मोदी को जेडीयू का समर्थन
डिप्टी सीएम सुशील कमार मोदी की मांग पर जेडीयू की ओर से सधी हुई प्रतिक्रिया दी गई. ग्रामीण कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि ये कानूनी मामला है. कोर्ट ने किन शर्तों पर लालू प्रसाद को जमानत दी है. इसकी जानकारी हमें नहीं हैं, लेकिन सुशील कुमार मोदी हमारे गठबंधन के बड़े नेता हैं. उन्होंने सोच-समझ कर ही मांग की होगी. 

आरजेडी ने किया सुशील मोदी पर पलटवार
आरजेडी नेताओं ने डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी पर पलटवार किया. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रहे अब्दुलबारी सिद्दीकी ने कहा कि सुशील कुमार मोदी डिप्टी सीएम हैं, कोर्ट के जज नहीं हैं. कोर्ट पूरे मामले को देख रहा है और जांच एजेंसी अपना काम कर रही है. सुशील कुमार मोदी को अनावश्यक सलाह नहीं देनी चाहिये. राजद नेता ने साथ ही ये भी कहा कि सुशील कुमार मोदी को किसी भी मामले में टांग अड़ाने की आदत पड़ गयी है. 

इधर, राजद विधायक राजेंद्र राम ने डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी की मांग पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि सुशील कुमार मोदी ओछी राजनीति कर रहे हैं. दूसरे प्रदेश से सांसद आये थे, राजद अध्यक्ष ने केवल उनसे मुलाकात की है. उन्होंने कोई भी राजनीतिक बयान नहीं दिया है. ऐसे में डिप्टी सीएम क्यों परेशानी हो रही है. ये समझ में नहीं आ रहा है?

डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद समेत उनके परिवार के सदस्यों के बारे में खुलासा करते रहे हैं. 2017 में सुशील कुमार मोदी के खुलासों के बाद महागठबंधन से जदयू अलग हुई थी, जिसके बाद जदयू का फिर भाजपा के साथ समझौता हुआ था और सुशील कुमार मोदी फिर सूबे के डिप्टी सीएम बने थे. डिप्टी सीएम बनने के बाद भी सुशील कुमार मोदी के निशाने पर लालू प्रसाद का परिवार रहा है. वो परिवार को लेकर खुलासे करते रहे हैं. हाल में उन्होंने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के लोहे के कारोबार का खुलासा किया था और कहा था कि चुनाव आयोग को कारोबार की जानकारी नहीं दी गयी है.