गिरिडीह: झारखंड के गिरिडीह जिला जज तृतीय सह पोक्सो के विशेष न्यायाधीश रमेश चन्द्रा की अदालत ने गुरुवार को दुष्कर्म के मामले में इमाम जाकिर हुसैन को आजीवन कारावास व 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. 


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अभियुक्त इमाम को अदालत बुधवार को ही दोषी करार दे चुकी थी. जाकिर हुसैन बेंगाबाद के एक मदरसे में इमाम था. बुधवार को दोषी पाए जाने के साथ ही उसे न्यायिक अभिरक्षा में लेकर सेंट्रल जेल भेज दिया गया था.


 



दोषी जाकिर कुछ दिनों पूर्व न्यायालय से जमानत पाकर बाहर निकला था. सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए उसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जेल से अदालत लाया गया था. बचाव पक्ष ने जहां उसे कम से कम सजा देने की अपील की. वहीं, अभियोजन पक्ष ने उसे कठोर सजा देने की मांग की. 


दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया. बताया गया कि घटना को लेकर पीड़िता ने बेंगाबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. प्राथमिकी में उसने बताया कि वह आठवीं की छात्रा थी और मदरसे में उर्दू पढ़ने जाती थी. मदरसे का इमाम जाकिर वहां पढ़ाता था.


 जाकिर ने उससे कहा था कि वह उससे प्यार करता है. प्यार की बातें कह उसने उसके साथ दुष्कर्म किया. जाकिर ने उसे एक नया सिम लगा मोबाइल दिया और बात करता था. इस मामले में एपीपी बिजय शाह ने दस गवाहों के परीक्षण कराया व बहस की.