पटना : लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग के लोगों के लिए सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संविधान संसोधन बिल लोकसभा में पेश की है. बिहार के पशुपालन मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने इसका स्वागत किया है. लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति पारस ने विरोधी दलों को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करने की नसीहत दी है.


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लोजपा नेता ने विरोधी दल सियासत करने के बजाय गरीब सवर्णों के आरक्षण को लेकर लाए गए संशोधन विधेयक को संसद में पास कराने का निवेदन किया है.


उन्होंने कहा कि खुशी की बात है कि लोजपा ने वर्ष 2000 में गरीब सवर्णों के लिए 15 प्रतिशत आरक्षण की मांग अपने घोषणा पत्र में किय था, जो अब पूरा हो रहा है. उन्होंने संसद सत्र एक दिन के लिए बढ़ाए जाने का भी स्वागत किया. उन्होंने कहा कि लोजपा का आग्रह है कि तमाम दल संसद में इस संशोधन विधेयक का समर्थन कर इसे पास कराएं.


सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अगड़ी जातियों (सवर्ण वर्ग) के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाले संविधान संशोधन विधेयक को आज लोकसभा में पेश किया गया. केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत सदन में इस बिल को पेश किया. लोकसभा में इस बिल पर दोपहर 2 बजे से बहस होगी. 


राजनीतिक जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार की कोशिश रहेगी कि आज ही इस संशोधन को लोकसभा में पास करवा लिया जाए और इसके बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाए. इसी वजह से अब बुधवार तक के लिए ऊपरी सदन के सत्र को बढ़ा दिया गया है.