लोहरदगा: गरिमा योजना के तहत लोहरदगा जिले की 510 महिलाओं का चयन किया गया है, जिन्हें समाज ने डायन बिसाही के आरोप में प्रताड़ित किया था. इस योजना के माध्यम से इन महिलाओं को सुरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है. जेएसएलपीएस की मदद से ये महिलाएं अब एक सुरक्षित जीवन जीने की कोशिश कर रही हैं.


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जानकारी के अनुसार इन महिलाओं का कहना है कि उनके गांवों में अगर किसी के बीमार होने या मौत होने की घटना होती थी, तो उन्हें आरोपित कर दिया जाता था. इसके बाद उन्हें समाज के सामने लाकर शर्मिंदा किया जाता था. इस वजह से उनका जीवन हमेशा खतरे में रहता था. अब गरिमा योजना के तहत उन्हें नई जिंदगी मिल रही है.


इन महिलाओं में इतनी डर और घबराहट है कि वे खुलकर अपनी बात समाज के सामने नहीं रख पा रही हैं. उनका डर अब भी कायम है. जिन लोगों के साथ ये महिलाएं रहती थीं, वही लोग उनकी जान और सम्मान को खतरे में डालते थे. समाज की यह पुरानी सोच और कुटनीति इन महिलाओं को हमेशा भयभीत करती रही है.


अब समाज को चाहिए कि वह इस पुरानी और दकियानूसी सोच से बाहर निकलकर महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा देने की दिशा में काम करे. डायन बिसाही के आरोप का शिकार होने वाली अधिकांश महिलाएं गरीब, लाचार और विधवा हैं. इनकी स्थिति को समझते हुए समाज को अपनी सोच में बदलाव लाना होगा और इन महिलाओं को एक सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करना होगा.


इनपुट- गौतम 


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