Lok Sabha Election 2024: गया से जीतन राम मांझी ने भरा नामांकन, कुमार सर्वजीत भी चुनावी मैदान में
Advertisement

Lok Sabha Election 2024: गया से जीतन राम मांझी ने भरा नामांकन, कुमार सर्वजीत भी चुनावी मैदान में

Lok Sabha Election 2024: बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए गुरुवार को गया संसदीय क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतन राम मांझी और राजद प्रत्याशी कुमार सर्वजीत ने नामांकन दाखिल किया. 

Lok Sabha Election 2024: गया से जीतन राम मांझी ने भरा नामांकन, कुमार सर्वजीत भी चुनावी मैदान में

गयाः Lok Sabha Election 2024: बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए गुरुवार को गया संसदीय क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतन राम मांझी और राजद प्रत्याशी कुमार सर्वजीत ने नामांकन दाखिल किया. मांझी के नामांकन के दौरान बिहार एनडीए के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे.

नामांकन करने के बाद एनडीए प्रत्याशी जीतन राम मांझी बाहर निकले तो उनसे मीडिया ने सवाल किया तो वह बचते‌-बचते निकलते हुए नजर आये. वहीं महागठबंधन के प्रत्याशी कुमार सर्वजीत नामांकन करने के बाद बाहर निकलते ही मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि आज हमने नामांकन किया है और हमारे कर्मों का अच्छा फल जनता देगी. 

उन्होंने आगे कहा कि निश्चित तौर पर हमें काम करने का मौका मिलेगा. नामांकन करने से पहले मंदिर जाने के सवाल पर कुमार सर्वजीत ने कहा कि हम उस देश के नागरिक है. जहां सभी धर्म की पूजा की जाती है. इश्वर, भगवान राम, विष्णु भगवान, बुद्ध भगवान और चर्च का हमारे धर्म है और मैं सभी धर्म की पूजा करता हूं. यह देश जो है सभी धर्म का है. चाहे हिंदू हो, मुस्लिम हो, सीख हो और इसाई हो. जीत राम मांझी कभी भगवान को कुछ बोल देते हैं. फिर उनकी वह पूजा करते हैं. वह उनका व्यक्तिगत मसला है. इस पर मैं कोई टीपा टिप्पणी नहीं करूंगा. वह तो जनता फैसला करेगी.

यह भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: झारखंड में फिर लहलहाएगी वंश-विरासत और परिवार की फसल, कई सीटों पर 'फैमिली फैक्टर' रहेगा प्रभावी

बता दें कि पहले चरण के लोकसभा चुनाव के लिए आज नामांकन की अंतिम तिथि है. पहले चरण में बिहार की गया, नवादा, औरंगाबाद और जमुई सीटों पर चुनाव होना है.
इनपुट- पुरूषोत्तम कुमार/ आईएएनएस के साथ

यह भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: राजनीति की अंतिम पारी में हार का सिलसिला तोड़ पाएंगे मांझी?