Bihar Politics: बिहार में कांग्रेस विधायक के टूटने की खबरों के बीच अखिलेश सिंह ने बड़ा बयान दिया. बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि जदयू के कई लोग कांग्रेस के संपर्क में हैं. डॉ. अखिलेश सिंह ने कहा कि अगर किसी को तोड़ने का प्रयास होगा तो सामने वाला खामोश नहीं बैठेगा. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दबाव में अपना बदला पाला. ईडी और सीबीआई के माध्यम से केंद्र सरकार दबाव बनती है. कांग्रेस नेता ने कहा कि विधानसभा के सदन में जब फ्लोर टेस्ट होगा, तब साबित होगा कि कौन किसके संपर्क में हैं.


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कांग्रेस की अपने विधायकों को लेकर चिंता हमेशा रहती है. क्योंकि जब सियासी संकट आता है तो कांग्रेस के विधायक के टूटने का डर जाता होता है. यही डर बिहार कांग्रेस के विधायकों को लेकर है. बिहार में एनडीएम सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस में टूट के खतरे ने डरा दिया है. नीतीश सरकार के बहुत परीक्षण से पहले विधायकों की मीटिंग दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के सामने कराई गई. माना जा रहा है कि इसके बाद दिल्ली से सीधे विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया गया.


दरअसल, बिहार की नई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार 12 फरवरी को सदन में अपना बहुत साबित करेगी. इस बीच पार्टियों ने अपने-अपने विधायकों को बचाने की कवायद तेज कर दी है. बिहार के सियासी हलकों में चर्चा है कि सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के 9 विधायक आरजेडी और कांग्रेस के संपर्क में बने हुए हैं.


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बता दें कि बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने 6 फरवरी को इशारों ही इशारों में एनडीए में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी को आईना दिखाया है. सम्राट चौधरी से जब पत्रकारों ने पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के 'खेला होने' के बयान के संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा कि बीजेपी, जदयू के पास पूर्ण बहुमत है और तीसरी पार्टी के तौर पर जीतन राम मांझी का समर्थन है. तीन पार्टी के बहुमत से 128 विधायक होते हैं, इसके बावजूद कोई छेड़छाड़ करने की कोशिश करता है तो क्या कहा जाए. वहीं, मांझी दो मंत्री पद की मांग कर रहे हैं. एक मंत्री पद को वे अन्याय बता रहे हैं.