Trending Photos
Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में सभी पार्टियां जुट गई हैं. खासकर बिहार और यूपी की क्षत्रपों को अपने-अपने वोट बैंक को संभाल कर रखने की कोशिश में इजाफा हुआ है. वहीं बिहार और यूपी में यादव वोट बैंक पर भाजपा एक तरह से सर्जिकल स्ट्राइक करने की तैयारी में है. बिहार में राजद और यूपी में अखिलेश यादव की पार्टी समाजवादी पार्टी हमेशा से यादव वोट बैंक पर अपने एकाधिकार का दावा करती रही है. इस बार भाजपा दोनों को ही झटका देने की पूरी तैयारी कर चुकी है. मतलब एक ही झटके में तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव की पार्टी पर भाजपा ऐसा सर्जिकल स्ट्राइक करने के मुड़ में है कि दोनों दलों का एकाधिकार समाप्त हो जाए.
ये भी पढ़ें- रोजगार मतलब नीतीश या तेजस्वी, राजद के बयान से सब समझ में आ जाएगा!
यूपी में तो अमोप्रकाश राजभर, केशवचंद्र मौर्य और दारा सिंह चौहान के जरिए पहले ही भाजपा विपक्षी दलों को झटका दे चुकी है अब उसकी नजर यादव वोट बैंक पर है. यूपी में जो अखिल भारतीय यादव महासभा हमेशा मुलायम सिंह को नेता मानती थी वह दो फाड़ हो चुकी है. टूट के बाद एक धड़ा लखनऊ में भी बैठक कर रहे हैं.
बता दें कि इस यादव महासभा के एक धड़े के कार्यक्रम में यूप के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी शिरकत की है. ऐसे अब सपा के प्रभाव से यादव मंच आजाद होने की पूरी तैयारी कर चुकी है.
उधर भाजपा मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव को 'यादव ब्रांड' बनाकर बिहार की यात्रा पर बुला रही है. पटना में 18-19 जनवरी को मोहन यादव पधारेंगे. इस दौरान वह पटना में सभा को संबोधित भी करेंगे. वह भाजपा के प्रदेश कार्यालय में भी जाएंगे. इसके बाद पटना इस्कॉन मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगे. मतलब साफ है कि भाजपा मोहन यादव को बड़े यादव नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करने की तैयारी कर चुकी है. कृष्ण चेतना मंच की तरफ से मोहन यादव के कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा. यहां कार्यक्रम में 18 जनवरी को उनका सम्मान भी होगा. जिसमें बड़ी संख्या में यादव समाज के लोग उपस्थित होंगे. इसमें कई प्रदेशों से आए यादव महासंघ के बड़े नेताओं के साथ बिहार के यादव समाज के नेता और अन्य भी उपस्थित रहेंगे. हालांकि इसे गैर राजनीतिक कार्यक्रम बताया जा रहा है. मोहन यादव को मध्य प्रदेश का सीएम बनाकर भाजपा उन लोगों के मुंह पर पहले ही पट्टी लगा चुकी है जो कहते थे कि भाजपा अगड़ों की पार्टी है.
अब एक बार ध्यान से देखें तो समझ में आएगा बिहार में यादवों की आबादी 14 तो यूपी में 10 फीसदी है. ऐसे में एक तरफ यूपी में भाजपा की पूरी मेशिनरी यादवों को साधने में लगी है तो वहीं भाजपा बिहार में मोहन यादव के जरिए इस वोट बैंक पर अपना अधिकार जमाने की जुगत में लगी है. वहीं बिहार की तरह यूपी में भी भाजपा मोहन यादव को लेकर आने की कोशिश में है. ऐसे में सूत्र बता रहे हैं कि मोहन यादव जल्द ही यादव महासभा के पश्चिमी यूपी में होने वाले कार्यक्रम में आ सकते हैं. बिहार में तो पहले से ही भाजपा 21 हजार से ज्यादा यादव समुदाय के लोगों को पार्टी में शामिल करा चुकी है.