Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर टिकट बंटवारे का दौर शुरू हो चुका है. सत्ताधारी बीजेपी ने भी अपनी पहली लिस्ट में 195 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. चर्चा है कि जल्द ही दूसरी लिस्ट भी आ सकती है. माना जा रहा है कि दूसरी लिस्ट में बिहार की सीटों पर भी प्रत्याशी उतारे जा सके हैं. जहां पहली लिस्ट में ज्यादातर सांसदों को फिर से मौका मिला है, वहीं कहा जा रहा है कि दूसरी लिस्ट में ज्यादातर सांसदों के टिकट कट सकते हैं. कर्नाटक से पार्टी के वरिष्ठ नेता आर अशोक ने भी संकेत दिए हैं. उन्होंने दावा किया है कि बीजेपी प्रत्याशियों की अगली सूची चौंकाने वाली होगी. इसमें कई ऐसे नाम होंगे, जिन्हें वर्तमान सांसदों के नाम काटने के बाद राजनीतिक रणभूमि में उतारा जाएगा. 


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आर अशोक के बयान के बाद से बिहार बीजेपी में खलबली मची हुई है. प्रदेश में उम्र के दायरे में ऐसे कई सांसद है जिनके बारे में कहा जा रहा है कि अधिक उम्र के कारण अब इनकी भागीदारी संगठन में ली जाएगी. आसान भाषा में कहें तो पार्टी यह तय कर चुकी है कि तकरीबन 50 प्रतिशत नए और युवा चेहरे को मौका दिया जाए. इससे बिहार के कई दिग्गज सीटिंग सांसदों की टिकट कट सकती है. 70 प्लास का पड़ाव पार करने वाले सांसदों में केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, राधामोहन सिंह, रमा देवी, राम कृपाल यादव और छेदी पासवान शामिल हैं.


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AC को भी अब नहीं मिलेगी पॉवर!


राजनीतिक गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चा बक्सर लोकसभा सीट को लेकर हो रही है. इस सीट से सांसद और मोदी सरकार में मंत्री अश्वनी चौबे अबतक 72 सावन देख चुके हैं. चर्चा है कि अब उनकी उम्र उनके राजनीतिक करियर के आड़े आ रही है. अश्वनी चौबे को भी यह बात महसूस होने लगी है, इसीलिए उन्होंने बक्सर सीट पर दावा ठोकते हुए आलाकमान पर प्रेशर बनाने की कोशिश की है. हालांकि, मोदी-शाह के युग में जो नेता ज्यादा उछलता है, उसको कुछ भी नहीं मिलता है. 70 प्लस वाले सांसदों में सासाराम से सांसद छेदी पासवान भी शामिल हैं. उनका परफार्मेंस भी ठीक नहीं रहा है, इसलिए उनको टिकट मिलना भी मुश्किल लग रहा है. 


RRRR मंडरा रहा खतरा


पाटलिपुत्र के सांसद राम कृपाल यादव भी उम्र की चपेट में आते दिख रहे हैं. इनका परफार्मेंस जरूर ठीक है, लेकिन उम्र बाधा बन रही है. आरा लोकसभा के सांसद और मंत्री आर के सिंह भी 70 पार वाले नेताओं में शामिल है. इनके क्षेत्र की जनता भी इनसे नाराज बताई जा रही है. शिवहर से सांसद रमा देवी की उम्र भी 74 हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के इंटरनल सर्वे में भी वह पास नहीं हो सकी हैं. ऐसे में इनके फिर से चुनाव लड़ाने पर संदेह है. राधामोहन सिंह भी अब रिटायरमेंट की दहलीज को पार चुके हैं. वह इस बात को समझ भी रहे हैं. 


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G को फिर भी उम्मीद


70 बसंत तो बेगूसराय से सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी देख चुके हैं, लेकिन संभावना है कि उनको फिर से मैदान में उतारा जा सकता है. गिरिराज सिंह की छवि कट्टर हिंदूवादी नेता की है और वह अपने क्षेत्र में एक्टिव भी खूब रहते हैं. पिछले चुनाव में उन्होंने जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को करीब साढ़े 4 लाख वोटों के अंतर से हराया था. कन्हैया को सीपीआई ने मैदान में उतारा था और उनको राजद के साथ-साथ कांग्रेस का समर्थन मिला हुआ था. ऐसी परिस्थितियों में इतनी बड़ी जीत हासिल करना आसान काम नहीं था.