पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की. नीतीश कुमार के 9वीं बार मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह उनकी पहली मुलाकात है. माना जा रहा है कि इस मुलाकात में पीएम मोदी से वे लोकसभा चुनाव में रणनीति को लेकर मोदी मंत्र लेंगे और 12 फरवरी को होने वाले विश्वास प्रस्ताव को लेकर भी मंत्रणा करेंगे. इसके अलावा नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव में भाजपा और एनडीए के बाकी सहयोगियों के साथ होने वाले गठबंधन में सीटों को लेकर भी बातचीत कर सकते हैं. पीएम मोदी के बाद नीतीश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी भी मुलाकात की. बताया जा रहा है कि पीएम मोदी ने 9वीं बार मुख्यमंत्री बनने को लेकर नीतीश कुमार को बधाई दी.


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बता दें कि पिछले महीने के 28 तारीख यानी 28 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और एनडीए में शामिल होकर फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी. इससे महागठबंधन में शामिल लालू प्रसाद यादव के राजद और कांग्रेस के अलावा वामदलों को बहुत बड़ा झटका लगा था. कहां तो ये सभी लोग नीतीश कुमार के साथ मिलकर इंडिया का गठन कर पीएम मोदी को सत्ता से हटाने का प्लान बना रहे थे और अब वे खुद ही सत्ता से बाहर हो गए.


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एनडीए के मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार के सामने सबसे बड़ी चुनौती 12 फरवरी को बहुमत साबित करने की है, क्योंकि तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी के नेताओं की ओर से लगातार यह दावे किए जा रहे हैं कि राज्य में उस दिन खेला हो सकता है. हालांकि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी लगातार इसे खारिज कर रही हैं. भाजपा नेता और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी का कहना है कि भाजपा और जेडीयू की सरकार है और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा इसमें बाहर से समर्थन दे रही है तो अब हमें किसी का साथ नहीं चाहिए. अगर किसी को साथ आना है तो उस पर विचार करेंगे.


बता दें कि बिहार में विचित्र स्थिति पैदा हो गई है, क्योंकि स्पीकर अवधबिहारी चौधरी ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है. चौधरी का कहना है कि मैं नियमावली से चलने वाला आदमी हूं. हम क्यों इस्तीफा देंगे. उन्होंने कहा कि नियमावली के हिसाब से जो जरूरी होगा, वहीं किया जाएगा. विधानसभा नियमावली के तहत जो जरूरी होगा, उसका पालन करूंगा.


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