कमल की आंधी में उड़ गए थे कांग्रेसी दिग्गज मीरा कुमार और तारीक अनवर के अलावा रंजीत रंजन, जानें कैसे और किसने बचाई थी लाज?
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कमल की आंधी में उड़ गए थे कांग्रेसी दिग्गज मीरा कुमार और तारीक अनवर के अलावा रंजीत रंजन, जानें कैसे और किसने बचाई थी लाज?

Lok Sabha Election 2024: पिछले चुनाव में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 पर एनडीए को जीत हासिल हुई थी. एनडीए की आंधी में राजद का खाता तक नहीं खुला था तो वहीं कांग्रेस के तमाम दिग्गज धरासाई हो गए थे. 

कांग्रेस

Lok Sabha Election 2024: लोकतंत्र के सबसे बड़े त्योहार यानी लोकसभा चुनाव में अब मुश्किल से एक या दो महीने का वक्त बचा है. आने वाले दो महीनों में जनता को एक बार फिर से अपना सांसद चुनने का मौका मिलने वाला है. ऐसे में समय है एक बार पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर गौर फरमाने का. पिछली बार की मोदी लहर में बिहार एनडीए को 40 में से 39 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इस प्रचंड जीत की खास बात ये भी है कि एनडीए के 39 सांसदों में से 25 को 2 लाख वोटों से ज्यादा अंतर की जीत हासिल हुई थी. एनडीए की आंधी में राजद का खाता तक नहीं खुला था तो वहीं कांग्रेस के तमाम दिग्गज धरासाई हो गए थे. 

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और तारीक अनवर के अलावा रंजीत रंजन को भी हार का सामना करना पड़ा था. मीरा कुमार को कांग्रेस पार्टी ने सासाराम (सुरक्षित) सीट से उतारा था. उनके सामने बीजेपी के छेदी पासवान थे. छेदी पासवान को 4,94,800 यानी 50.76 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. तो वहीं मीरा कुमार को 3,29,055 यानी 33.76 प्रतिशत वोट मिले थे. इस तरह छेदी पासवान ने मीरा कुमार को 1,65,745 वोटों से शिकस्त मिली थी. कटिहार से चुनावी मैदान में उतरे तारिक अनवर को भी हार का मुंह देखना पड़ा था. जेडीयू की टिकट पर उतरे दुलाल चंद्र गोस्वामी ने उन्हें पटखनी दी थी. 

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तारीक अनवर को 5,02,220 यानी 44.93 प्रतिशत मत मिले थे. वहीं दुलाल चंद्र गोस्वामी ने 5,59,423 यानी 50.05 प्रतिशत वोट पाए थे. इस तरह से तारीक अनवर को मात्र 57,203 हजार वोटों से मात मिली थी. बाहुबली नेता पप्पू यादव की पत्नी और कांग्रेस के दिग्गज नेता रंजीत रंजन भी अपना चुनाव हार गईं थीं. वो सुपौल से चुनाव लड़ीं थीं. उनको जेडीयू के दिलेश्वर कामत ने हराया था. दिलेश्वर कामत को 2019 में 5,97,377 यानी 53.78 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे तो कांग्रेस के रंजीत रंजन को 3,30,524 यानी 29.76 प्रतिशत वोट मिले थे. इस तरह रंजीत रंजन, दिलेश्वर कामत से 2,66,853 वोटों से हार गई थीं. 

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ऐसे वक्त में भी डॉ. जावेद ने कांग्रेस का झंडा गिरने नहीं दिया था. किशनगंज से कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद जावेद ने अपनी पार्टी की लाज बचाई थी और जीत हासिल की थी. मोहम्मद जावेद को 3,67,017 यानी 33.32 प्रतिशत मत हासिल हुए थे. तो उनके प्रतिद्वंद्वी जेडीयू के सैयद मोहम्मद अशरफ को 3,32,551 यानी 30.19 प्रतिशत वोट मिले थे. जीत-हार का अंतर भले ही केवल 34,466 वोटों का था, पर जीत तो जीत है. 

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