Lok Sabha Election 2024: हाजीपुर दिवंगत नेता रामविलास पासवान की कर्मभूमि रही है और वर्तमान में पशुपति पारस यहां से सांसद हैं. लेकिन अब चिराग पासवान अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालना चाहते हैं.
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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. चीफ इलेक्शन कमीशन राजीव कुमार अपनी पूरी टीम के साथ इस समय बिहार के दौरे पर हैं. यहां पर वह चुनावी तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा और जनता को एक बार फिर से अपना सांसद चुनने का मौका मिलेगा. ऐसे में सभी की निगाहें अब बिहार की हाई प्रोफाइल सीटों पर भी जा टिकी है. बिहार की हाजीपुर सीट भी हाई प्रोफाइल सीटों से आती है. एनडीए खेमे में इस सीट पर चाचा-भतीजा अपनी दावेदारी को लेकर आमने-सामने हैं. एक तरफ जहां रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान हैं तो उनके सामने रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस भी हैं.
हाजीपुर दिवंगत नेता रामविलास पासवान की कर्मभूमि रही है और वर्तमान में पशुपति पारस यहां से सांसद हैं. लेकिन अब चिराग पासवान अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालना चाहते हैं. चिराग कई बार कह चुके हैं कि हाजीपुर से उनकी भावनाएं जुड़ी हुई हैं और अपने पिता की कर्मभूमि पर उनका अधिकार है. वहीं पशुपति पारस का कहना है कि रामविलास पासवान ने खुद उन्हें हाजीपुर भेजा था इसलिए वह हाजीपुर को कतई छोड़ नहीं सकते. पशुपति का कहना है कि चिराग को जमुई सीट मिली थी और उन्होंने वहां कोई काम नहीं किया इसलिए वहां से भागना चाहते हैं. चाचा-भतीजे की इस सीट में हाजीपुर सीट किसे मिलेगी, ये सभी जनने को बेताब हैं.
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जमुई या फिर हाजीपुर, कहां से चुनाव लड़ेंगे चिराग?
इसी बीच चिराग ने इशारों-इशारों में चुनाव लड़ने को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. जमुई या फिर हाजीपुर, एलजेपी (रामविलास) प्रमुख कहां से चुनाव लड़ेंगे? इस पर चिराग पासवान ने कहा कि चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी लेती है. उन्होंने कहा कि 2014 में वे एक नेता के रूप में जमुई पहुंचे थे लेकिन 2019 से 2024 के दौरान उनकी भूमिका एक बेटे के रूप में हो गई. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मैं कहां से चुनाव लड़ूंगा, ये पार्टी के नेता ही तय करेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी का निर्णय ही सर्वोपरि होगा. पार्टी जहां से भी कहेगी, वहीं से वे चुनाव लड़ेंगे.
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हाजीपुर को लेकर NDA में होगा घमासान?
एनडीए में हाजीपुर सीट को लेकर चिराग ने कहा मैं खुद हाजीपुर के लिए उतना ही बेसब्री से मैं चाहता हूं. मैं चाहता हूं कि हाजीपुर का सेवा का मौका मिले. मेरे पिता के जाने के बाद मैंने हर संभव प्रयास किया है कि मैं हाजीपुर के लोगों के साथ जुड़ पाऊं. उनके कुछ काम आता हूं मै पुनः दोहराता हूं, यह गठबंधन के भीतर लिए जाने वाले फैसले हैं. एनडीए में हाजीपुर सीट को लेकर चिराग ने कहा कि गठबंधन के भीतर एक आम राय बनने से पहले गठबंधन में बातचीत हो रही है. मुझे लगता है अब बहुत ज्यादा दिनों का इंतजार नहीं लगता है हफ्ते 10 दिन के भीतरी क्लियर हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं गठबंधन की मर्यादा को नही तोडूंगा. मैं अंदर की कोई बात को सर्वजनिक नहीं करूंगा.