Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में अब तकरीबन 100 दिन का वक्त बचा है. मतलब एक बार फिर से आपको अपना सांसद चुनने का मौका मिलने वाला है. हर बार की तरह इस बार भी आपके दरवाजे पर नेताओं की लाइन लगने वाली होगी, या हो सकता है कि नेताओं की परिक्रमा शुरू भी हो चुकी है. अपने लिए नया सांसद चुनने से पहले जरा पिछले सांसद का लेखाजोखा भी चेक कर लें. इस स्टोरी में हम आपको बिहार के दागी सांसदों के बारे में बताने जा रहे हैं, लिहाजा इस खबर को जरा ध्यान से पढ़ें. यह खबर पूरी तरह से एडीआर की रिपोर्ट पर आधारित है मतलब इस खबर में जो भी बातें हैं, वह खुद सांसदों ने अपने हलफनामे में चुनाव आयोग को दी थीं. 


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एडीआर की रिपोर्ट से जो बात सामने आई शायद उसे सुनकर सुनकर आप चौंक जाएं. दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में 'सुशासन बाबू' यानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी से सबसे ज्यादा दागी नेता लोकसभा पहुंचे थे. रिपोर्ट के मुताबिक, जेडीयू के कुल 16 में से 13 सांसद दागी हैं यानी नीतीश कुमार के 81 फीसदी सांसद ऐसे हैं, जिन पर क्रिमिनल केस दर्ज है. यही नहीं 50 फीसदी सांसदों यानी जेडीयू के 8 सांसदों पर तो सीरियस क्रिमिनल मामले दर्ज हैं. सीतामढ़ी से जेडीयू सांसद सुनील कुमार पर सबसे ज्यादा 6 मामले दर्ज हैं. 


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जघन्य अपराधों में फंसे माननीयों में जेडीयू से बीजेपी आगे है. बीजेपी के 11 सांसदों पर सीरियस क्रिमिनल केस दर्ज हैं. भगवा पार्टी के 17 में से 12 सांसद दागी हैं. इस तरह से बाहुबली सांसदों के मामले में बीजेपी से जेडीयू आगे है. इस लिस्ट में लोजपा का कोई जवाब नहीं है. 2019 लोकसभा चुनाव में लोजपा के 6 सांसद जीते थे और सभी पर अपराधिक मामले दर्ज हैं. यानी लोजपा 100 फीसदी सांसद दागी हैं. बिहार में कांग्रेस की स्थित भी यही है. कांग्रेस के इकलौते सांसद पर भी क्रिमिनल केस दर्ज हैं. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश के कुल 39 में से 32 सांसद दागी हैं.