Who is Shivesh Ram: बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी तस्वीर साफ कर दी है. बीजेपी की ओर से रविवार (24 मार्च) को अपनी सभी 17 सीटों के लिए कैंडिडेट घोषित कर दिए गए हैं. पार्टी ने इस बार ज्यादातर पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है, तो वहीं कुछ नए चेहरों पर दांव लगाया गया है. इसी के तहत सासाराम से छेदी पासवान का टिकट काटकर बीजेपी ने सभी को चौंका दिया. पार्टी ने इस बार यहां से पूर्व विधायक शिवेश राम को मैदान में उतारा है. सासाराम से पार्टी का टिकट मिलने पर शिवेश राम ने खुशी जताई और पार्टी आलाकमान का आभार जताया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने जीत का दावा किया है. 


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कौन हैं शिवेश राम?


शिवेश राम को राजनीति विरासत में मिली है. उनका परिवार भी बीजेपी से जुड़ा रहा है. उनके पिता मुन्नीलाल ने 1996 में पहली बार सासाराम में बीजेपी का कमल खिलाया था. वह 1996 से 1999 तक यहां से सांसद रहे और केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं शिवेश राम की पहचान जमीनी नेता के रूप में हैं. उन्होंने एक सामान्य कार्यकर्ता से लेकर विधायक और प्रदेश महामंत्री के पद पर अपना योगदान दे चुके हैं. शिवेश राम बिहार के भोजपुर जिले की एकमात्र सुरक्षित सीट अहिगांव से विधायक भी रह चुके हैं. इस सीट पर 2010 में पहली बार चुनाव में हुए थे, जिसमें बीजेपी के शिवेश राम जीते थे. पिछले साल ही उन्हें प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.


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टिकट मिलने पर क्या बोले?


बीजेपी प्रत्याशी ने कहा कि वह गरीब, मजदूर और किसानों की बेहतरी के लिए काम करेंगे और पिता मुन्नीलाल के अधूरे सपने को भी पूरा करेंगे. उन्होंने बताया कि उनके पिता ने क्षेत्र में सिंचाई की समस्या को दूर करने के लिए दुर्गावती जलाशय का निर्माण कराया था, जो वर्षों से लंबित थी. अगर उन्हें जनता का समर्थन मिला तो वह भी आगे चलकर कदवन जलाशय योजना का काम पूरा कराएंगे. महागठबंधन पर हमला करते हुए बीजेपी प्रत्याशी शिवेश राम ने कहा कि तेजस्वी यादव और लालू यादव ने बिहार को ठगने का काम किया. उन्होंने बिहार को जातिपात में बांटने का काम किया और इसी की दम पर अपनी राजनीति की है. शिवेश राम ने कहा कि अब लोग समझ गए हैं. अब गांव के लोग भी जाति-पाति से उठकर समाजिकत समरसता में लगे हुए हैं और सबका साथ सबका विकास में विश्वास रखने वाले नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हैं.


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सासाराम सीट के समीकरण 


 अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित इस लोकसभा सीट में कांग्रेस का दबदबा रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाबू जगजीवन राम 1952 से 1984 तक 8 बार सांसद रहे. इनकी राजनैतिक विरासत इनकी बेटी मीरा कुमार ने संभाली. मीरा कुमार यहां से कांग्रेस के टिकट पर दो बार सांसद रह चुकी हैं. 1996 में बीजेपी के मुन्नीलाल ने पहली बार कमल खिलाया था. 2014 की मोदी लहर में बीजेपी के छेदी पासवान ने मीरा कुमार से सीट छीन ली थी और उसके बाद से यह सीट उनके पास ही है. 2019 में भी बीजेपी की टिकट पर छेदी पासवान को ही जीत मिली थी. इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर मुन्नीलाल के बेटे शिवेश राम को टिकट दिया है.