Lok Sabha Election 2024: मुकेश सहनी ने तेजस्वी यादव से की दोस्ती तो VIP में मच गई भगदड़, कई नेताओं ने छोड़ी पार्टी
Mukesh Sahani News: मछुआरा समाज से आने वाले इन तमाम नेताओं ने मुख्यमंत्री की नीतियों एवं कार्यों में आस्था व्यक्त करते हुए जदयू की सदस्यता ग्रहण की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ी मुश्किल से बिहार को लालू यादव के जंगलराज से बाहर निकाला है और मुकेश सहनी वापस वही दौर लाने की कोशिश कर रहे हैं.
Mukesh Sahani News: बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले दल-बदल का खेल बड़े स्तर पर जारी है. इसी कड़ी में वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी को रविवार (14 अप्रैल) को बड़ा झटका लगा है. मुकेश सहनी यह चुनाव तेजस्वी यादव से दोस्ती करके लड़ रहे हैं. तेजस्वी ने वीआईपी को अपने कोटे से तीन सीटें हैं. हालांकि, मुकेश सहनी के महागठबंधन से जाने का फैसला पार्टी के कई नेताओं को पसंद नहीं आया और उन्होंने नाराज होकर पार्टी छोड़ दी. वीआईपी के कई पदधारकों ने रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भेंटकर जदयू की सदस्यता ग्रहण की. सहनी को झटका देने वाले नेताओं में वीआईपी के प्रदेश महासचिव अमरेंद्र सिंह भी शामिल हैं.
वीआईपी के कटिहार जिलाध्यक्ष सुनील चौधरी निषाद, भागलपुर जिला सचिव शिव सिंह निषाद, युवा वीआईपी के प्रदेश महासचिव शैलेंद्र सिंह निषाद, मछुआरा कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुंदर सहनी, मुजफ्फरपुर के कांग्रेस नेता प्रिंस कुमार चौधरी, वैशाली के राजद नेता गरीबन सहनी आदि नेताओं ने भी अब जेडीयू ज्वाइन कर ली. मछुआरा समाज से आने वाले इन तमाम नेताओं ने मुख्यमंत्री की नीतियों एवं कार्यों में आस्था व्यक्त करते हुए जदयू की सदस्यता ग्रहण की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ी मुश्किल से बिहार को लालू यादव के जंगलराज से बाहर निकाला है और मुकेश सहनी वापस वही दौर लाने की कोशिश कर रहे हैं.
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वीआईपी के साथ कांग्रेस के भी तमाम नेताओं ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में जेडीयू का दामन थामा. लोकसभा चुनाव से पहले जेडीयू में लगातार दूसरे दल के नेता शामिल हो रहे हैं. नीतीश कुमार लगातार राजद में भी सेंधमारी कर रह हैं. अबतक राजद के पूर्व राज्यसभा सांसद, विधायक और वरिष्ठ नेता शामिल हो चुके हैं. बता दें कि बिहार में लोकसभा का चुनाव सात चरणों में हो रहे हैं. पहला चरण 19 अप्रैल को होगा जबकि आखिरी चरण 1 जून को और नतीजे 4 जून को आएंगे. चुनाव से पहले ही दलों में पार्टी बदलने का खेल जारी है.