Bihar NDA Seat Sharing: बिहार आगमन से पहले शाह की शुक्रवार को चिराग पासवान संग लंबी बातचीत हुई. तो वहीं उपेंद्र कुशवाहा से संजय जायसवाल ने मुलाकात की. ये दोनों नेता नाराज बताए जा रहे थे. अब दोनों के मान जाने की खबर सामने आ रही है.
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Bihar NDA Seat Sharing: बिहार में NDA और INDIA ब्लॉक में सीटों का गुणा-गणित अभी तक अनसुलझा है. सीट शेयरिंग को लेकर जितना मंथन एनडीए में हो रहा है, उतनी ही माथापच्ची महागठबंधन में भी जारी है. हालांकि, अब NDA में अब सीट बंटवारे पर बात बनती हुई नजर आ रही है. इसकी कमान खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संभाल रखी है. अमित शाह आज (शनिवार, 9 मार्च) को बिहार आ रहे हैं. बिहार आगमन से पहले शाह की शुक्रवार को चिराग पासवान संग लंबी बातचीत हुई. तो वहीं उपेंद्र कुशवाहा से संजय जायसवाल ने मुलाकात की. ये दोनों नेता नाराज बताए जा रहे थे. अब दोनों के मान जाने की खबर सामने आ रही है. बिहार एनडीए में अब सीट बंटवारे के लिए 'महाराष्ट्र फॉर्मूले' की खूब चर्चा हो रही है.
अब सीएम नीतीश को कोई जल्दी नहीं!
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जबतक विपक्षी गठबंधन का हिस्सा थे, तबतक सीट शेयरिंग के लिए कांग्रेस पर खूब दबाव बना रहे थे. उन्हें बहुत जल्दबाजी में लग रहे थे, लेकिन एनडीए में आने के बाद उन्हें कोई हड़बड़ी नहीं है. वहीं लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में 195 उम्मीदवारों के नाम है, लेकिन इसमें महाराष्ट्र और बिहार शामिल नहीं है. महाराष्ट्र और बिहार की किसी सीट पर प्रत्याशी इसलिए नहीं उतारा गया, क्योंकि दोनों ही राज्यों में सीट शेयरिंग अभी हुई नहीं है. बताया जा रहा है कि बिहार में अब महाराष्ट्र वाला फॉर्मूला लागू होगा.
क्या है महाराष्ट्र वाला फॉर्मूला?
दरअसल, बिहार की तरह महाराष्ट्र में भी 'एक अनार-सौ बीमार' जैसी स्थिति है. बीजेपी को एकनाथ शिंदे और अजित पवार को संतुष्ट करते हुए अपने लिए भी जरूरी सीटें बचाकर रखनी है. जानकारी के मुताबिक, एकनाथ शिंदे और अजीत पवार को बीजेपी ने 13 सीटों का ऑफर दिया है. खुद 48 में से 35 पर लड़ने की तैयारी की है. बीजेपी का कहना है कि एकनाथ शिंदे के पास कम विधायक होने के बावजूद, उनको सीएम बनाया है. ऐसे में उन्हें कम लोकसभा सीटों पर कम्प्रमाइज करनी चाहिए. इसी तरह से अब बिहार में सबसे ज्यादा सीटों पर बीजेपी लड़ेगी.
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किसको मिलेगी कितनी सीटें?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विदेश से वापस आते ही इस पर बात की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू ने इस बार बीजेपी को बड़े भाई की भूमिका में स्वीकार कर लिया है. बीजेपी 20-22 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. वहीं जेडीयू को 12 से 13 सीटें दी जा सकती हैं. बाकी बची सीटों पर तीन अन्य सहयोगियों को एडजस्ट किया जाएगा. चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस दोनों को 6 सीटों पर एडजस्ट किया जाएगा. जबकि एक सीट उपेंद्र कुशवाहा और एक सीट जीतन राम मांझी की पार्टी हम को दिए जाने की योजना है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चिराग को 5 सीटें तो वहीं उनके चाचा पशुपति पारस को एक सीट मिल सकती है.