Pashupati Paras Resign: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को एनडीए में तगड़ा झटका उस वक्त लगा, जब बिहार की सीट शेयरिंग में उनको एक भी सीट नहीं मिली. चर्चा है कि इससे वह काफी ज्यादा नाराज हो गए हैं और एनडीए से बाहर जाने का विचार कर रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पशुपति पारस ने आज यानी मंगलवार (19 मार्च) की सुबह-सुबह मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उन्होंने इसकी घोषणा कर दी है. पारस ने अभी तक महागठबंधन में जाने को लेकर कुछ नहीं बताया है. उन्होंने कहा कि वह पटना में अपनी पार्टी के नेताओं संग बैठक करेंगे और पार्टी जो कहेगी वही कदम उठाएंगे. आगे के भविष्य के लिए वह अपनी पार्टी के नेताओं के संग विचार-विमर्श करेंगे. पारस के अगले कदम पर टिकी हुई हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पारस ने इस दौरान पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उनका आभार जताया. मोदी कैबिनेट से इस्तीफे का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे साथ इंसाफ नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि मैंने ईमानदारी के साथ काम किया, लेकिन मेरे साथ नाइंसाफी हुई. बता दें कि लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार बिहार एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया. बीजेपी ने सोमवार (18 मार्च) की शाम को दिल्ली मुख्यालय से सीट शेयरिंग की जानकारी दी. बीजेपी महासचिव और बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने बताया कि इस बार बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों में से बीजेपी 17 सीटों पर तो वहीं जेडीयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. गठबंधन में शामिल चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) को 5 सीटें तो वहीं उपेंद्र कुशवाहा की रालोमो और जीतन राम मांझी की हम को एक-एक सीट मिली है. हैरानी वाली बात ये रही कि बिहार एनडीए में केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस की पार्टी रालोजपा को एक भी सीटें नहीं मिलीं. 


ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: महागठबंधन में जाते हैं तो NDA का कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं पशुपति पारस?


चिराग के हिस्से में वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई लोकसभा सीटें आई हैं. हाजीपुर सीट से पशुपति पारस खुद सांसद हैं तो समस्तीपुर सीट उनके दूसरे भतीजे प्रिंस राज पासवान के पास है. हाजीपुर सीट को लेकर चाचा-भतीजे (पशुपति-चिराग) में काफी खींचतान देखने को मिल चुकी है. दोनों में से कोई भी इस सीट को छोड़ने को तैयार नहीं था. सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन में सभी को साथ लेकर चलने के लिए बीजेपी ने पारस को राज्यपाल बनाने का ऑफर दिया था. जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था. उनकी जिद को देखते हुए बीजेपी ने उनको पूरी तरह से इग्नोर कर दिया है. चर्चा है कि इससे नाराज होकर पारस ने एनडीए छोड़ने का मन बना लिया है. उन्होंने मोदी सरकार से इस्तीफा भी दे दिया है.