Lok Sabha Election 2024: राहुल गांधी के `सारथी` बनें तेजस्वी यादव! देखें 2024 की `महाभारत` के लिए इसके सियासी मायने
Lok Sabha Election 2024: जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं. विपक्षी गठबंधन INDIA के दल पाला बदलते हुए NDA का हिस्सा बनते जा रहे हैं. इसकी शुरुआत बिहार के सीएम नीतीश कुमार से हुई थी. नीतीश के बाद रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी भी एनडीए में चले गए. बिहार में नीतीश के पाला पलटते ही सत्ता भी बदल गई.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में अब मुश्किल से 100 दिन ही बचे हैं. मैदान में उतरने से पहले सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों की ओर से ही अपने-अपने हथियारों पर धार रखी जा रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी अपने नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो न्याया यात्रा निकाल रही है. यात्रा रविवार को बिहार के सासाराम पहुंची थी, जहां राजद नेता तेजस्वी यादव भी यात्रा में शामिल हुए थे. इसी बीच तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट की है, जिसको लेकर बयानबाजी जारी है. राहुल गांधी के साथ तेजस्वी यादव भी जीप पर सवार हुए और ड्राइविंग सीट पर बैठ गए. अब सियासी गलियारे में इसके मायने निकाले जा रहे हैं. आखिर तेजस्वी यादव ड्राइविंग सीट पर बैठकर क्या संदेश देना चाहते हैं?
दरअसल, इस बार पीएम मोदी को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्षी खेमे ने बड़े ही जोर-शोर से शुरुआत की थी. लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं. विपक्षी गठबंधन INDIA के दल पाला बदलते हुए NDA का हिस्सा बनते जा रहे हैं. इसकी शुरुआत बिहार के सीएम नीतीश कुमार से हुई थी. नीतीश के बाद रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी भी एनडीए में चले गए. बिहार में नीतीश के पाला पलटते ही सत्ता भी बदल गई. महज 17 महीने डिप्टी सीएम रहने के बाद तेजस्वी यादव को एक बार फिर से विपक्ष में बैठना पड़ रहा है.
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नीतीश कुमार के एक बार फिर से पाला बदलने से राजद उन पर हमलावर है और उनकी छवि दगाबाज नेता के रूप में बनाने की कोशिश कर रही है. विधानसभा में नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट के दौरान खुद तेजस्वी यादव ने कहा कि मोदीजी की गारंटी तो बहुत मजबूत वाला गारंटी है. क्या मोदीजी गारंटी लेते हैं कि नीतीश कुमार जी फिर से पलटेंगे कि नहीं? उधर जेडीयू की ओर से गठबंधन टूटने के लिए आरजेडी को ही दोषी ठहराया जा रहा है. जेडीयू नेता कह रहे हैं कि आरजेडी वाले सरकार और संगठन दोनों पर ही अपना दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे.
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राहुल के ड्राइवर बनकर तेजस्वी ने संदेश देने की कोशिश की है कि वह गठबंधन के साथियों को नहीं बदलते हैं. उनके पिता के जमाने से ही कांग्रेस-राजद का गठबंधन का चला आ रहा है. इसके अलावा सारथी वाली भूमिका से तेजस्वी ने साफ कर दिया है कि बिहार में इंडी अलायंस की कमान उनके ही हाथों में रहेगी. वह जहां और जैसे चाहेंगे गाड़ी को लेकर जा सकते हैं.